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“हमने एक पैसे की भी मदद नहीं पाई”, दार्जिलिंग में ममता बनर्जी ने फिर दोहराया केंद्र के प्रति नाराज़गी का सुर, बनाया राहत कोष

दार्जिलिंग। उत्तर बंगाल में हालिया प्राकृतिक आपदा के बाद बुधवार को दार्जिलिंग में एक उच्चस्तरीय प्रशासनिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर फिर से आर्थिक मदद न देने का आरोप लगाया। उन्होंने स्पष्ट रूप. . .

दार्जिलिंग। उत्तर बंगाल में हालिया प्राकृतिक आपदा के बाद बुधवार को दार्जिलिंग में एक उच्चस्तरीय प्रशासनिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर फिर से आर्थिक मदद न देने का आरोप लगाया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “हमने किसी से एक पैसा भी नहीं पाया, फिर भी राज्य सरकार ने पूरी ताकत से राहत कार्य किया है।”

दार्जिलिंग में चार ब्लॉक और 9 नगरपालिकाओं में लगभग 70 हजार लोग प्रभावित

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि दार्जिलिंग में चार ब्लॉक और 9 नगरपालिकाओं में लगभग 70 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। सिर्फ दार्जिलिंग जिले से 1300 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। उन्होंने राज्य पुलिस, प्रशासन और बचाव दल की सराहना करते हुए कहा, “आईसी, एसपी जिस तरह से जमीन पर काम कर रहे हैं, वह अतुलनीय है। वे सुबह होते ही फील्ड में सक्रिय हो गए थे।”

तत्काल राहत कार्य: अस्थायी पुल और राहत शिविर

मुख्यमंत्री ने बताया कि दूधिया ब्रिज, जो भूस्खलन में टूट गया था, वहां सात दिनों के भीतर एक अस्थायी पुल तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मिरिक के जिस हिस्से में मैं गई थी, वहां एक पैदल पुल बना दिया गया है और एक अस्थायी पुल का निर्माण चल रहा है। स्थायी ब्रिज पर भी काम हो रहा है।”
ममता बनर्जी ने बताया कि ‘हमारा पड़ोस, हमारा समाधान’ योजना के तहत शिविरों का विस्तार किया गया है। मिरिक बाजार और सुखियापोखरी जैसे इलाकों में राहत शिविर चल रहे हैं। हर ब्लॉक को 10 लाख रुपये की तत्काल सहायता दी गई है। जिन लोगों के दस्तावेज नष्ट हो गए हैं, उन्हें राहत शिविरों से ही नए दस्तावेज़ दिए जा रहे हैं। साथ ही चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

केंद्र से कोई मदद नहीं, फिर भी राहत कार्य में तत्पर राज्य सरकार

मुख्यमंत्री ने एक बार फिर केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा, “अब तक हमने केंद्र से एक पैसा भी नहीं पाया है, फिर भी आप देख रहे हैं कि हमारी सरकार ने कैसे लोगों के लिए काम किया है।” उन्होंने बताया कि अब तक 16 हजार राहत किट्स वितरित की गई हैं।
उन्होंने कहा कि कई पुल, कलवर्ट, सड़कें, घर, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। कृषि में भी भारी नुकसान हुआ है और किसानों को फसल बीमा की राशि दी जाएगी।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच मुख्यमंत्री का जवाब

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया था कि इतने बड़े संकट के बावजूद मुख्यमंत्री और राज्य के अधिकारी मैदान में नजर नहीं आए। उन्होंने दावा किया कि अधिकांश बचाव कार्य NDRF और सेना द्वारा किए गए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की टीम पहले दिन से काम पर लगी हुई है।

राज्य सरकार ने बनाया राहत कोष

राज्य सरकार ने एक विशेष राहत कोष बनाया है जिसमें कोई भी व्यक्ति मदद कर सकता है। मंत्री अरूप विश्वास ने अकाउंट की जानकारी साझा की:
अकाउंट का नाम: West Bengal State Disaster Management Authority
बैंक: ICICI Bank, हावड़ा शाखा
अकाउंट नंबर: 628001041066
IFSC कोड: ICIC0006280