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हाईकोर्ट से पार्थ चटर्जी को जमानत, लेकिन फिलहाल जेल से रिहाई नहीं

कोलकाता, 26 सितंबर:पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को कोलकाता हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। नियुक्ति घोटाले से जुड़ी CBI की एक मामले में उन्हें जमानत दे दी गई है। न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष की एकल पीठ ने. . .

कोलकाता, 26 सितंबर:
पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को कोलकाता हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। नियुक्ति घोटाले से जुड़ी CBI की एक मामले में उन्हें जमानत दे दी गई है। न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया। हालांकि, कुछ सख्त शर्तों के साथ यह जमानत दी गई है।

🧾 जमानत की शर्तें

  • पार्थ चटर्जी को अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करना होगा।
  • वे किसी भी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश नहीं कर सकते।
  • उन्हें नियमित रूप से अदालत में पेश होना होगा।

⚖️ अब तक मिली हैं कई जमानतें, लेकिन जेल से रिहाई नहीं

  • इससे पहले पार्थ को सुप्रीम कोर्ट से भी शर्तों के साथ जमानत मिली थी।
  • ईडी के मामले में भी उन्हें जमानत दी जा चुकी है।
  • हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जब तक निचली अदालत में गवाही की प्रक्रिया पूरी नहीं होती, पार्थ को जेल में ही रहना होगा।
  • वकीलों का मानना है कि यह प्रक्रिया नवंबर के मध्य तक पूरी हो सकती है।

👥 साथ में दो और आरोपी को भी जमानत

  • इस मामले में स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) के पूर्व चेयरमैन सुबीरेश भट्टाचार्य और पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा को भी जमानत मिली है।
  • दोनों को SSC घोटाले में पहले गिरफ्तार किया गया था।

💰 50 करोड़ रुपये कैश जब्त, जांच एजेंसी के गंभीर आरोप

  • पार्थ चटर्जी को 22 जुलाई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था।
  • गिरफ्तारी के समय उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से लगभग 50 करोड़ रुपये नगद बरामद हुए थे।
  • पार्थ का दावा है कि वह पैसा उनका नहीं है, लेकिन ईडी और सीबीआई का कहना है कि कई दस्तावेज़ों से पार्थ की संलिप्तता सामने आई है।
  • जांच एजेंसियों ने यह भी दावा किया है कि किस तरह नौकरी दिलाने के लिए पैसे लिए गए और कैसे वे पैसे प्रभावशाली लोगों तक पहुंचे — इसकी पूरी जानकारी एजेंसियों के पास है।

📌 पृष्ठभूमि और अब तक की कार्रवाई

  • पहले पार्थ को कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस अरिजीत बंद्योपाध्याय ने जमानत दी थी।
  • फिर जांच एजेंसी ने फैसले को चुनौती दी और डिवीजन बेंच ने जमानत रद्द कर दी थी।
  • इसके बाद पार्थ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की और वहां से उन्हें जमानत मिल गई।

🔍रिहाई संभव नहीं

हालांकि पार्थ चटर्जी को एक और मामले में जमानत मिल चुकी है, लेकिन जब तक सभी मामलों में सुनवाई पूरी नहीं हो जाती और गवाही का दौर खत्म नहीं होता, तब तक उनकी रिहाई संभव नहीं है। शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े इस मामले में अभी भी कई परतें खुलनी बाकी हैं।

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