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100 साल में पहली बार होगा अद्भुत नजाराः सूरज को लंबे समय के लिए निगल जाएगा चांद, दिन में दिखेंगे तारे !

डेस्क। धरती के इतिहास में 2 अगस्त 2027 की तारीख खास तौर परदर्ज होने वाली है। इस दिन पूरे 6 मिनट 23 सेकंड तक पृथ्वी अंधेरे में डूब जाएगी। यह 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण होगा, जिसे वैज्ञानिक. . .

डेस्क। धरती के इतिहास में 2 अगस्त 2027 की तारीख खास तौर परदर्ज होने वाली है। इस दिन पूरे 6 मिनट 23 सेकंड तक पृथ्वी अंधेरे में डूब जाएगी। यह 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण होगा, जिसे वैज्ञानिक बीते 100 साल में सबसे अनोखा खगोलीय चमत्कार बता रहे हैं। इस दिन चांद पूरी तरह सूरज को ढक लेगा, जिसके कारण दोपहर का उजाला अचानक गहरी सांझ में बदल जाएगा। तापमान 5–10 डिग्री तक गिर सकता है, हवा की दिशा बदल सकती है और पक्षी व जानवर असामान्य व्यवहार दिखा सकते हैं। इस दौरान सूर्य की पेल कोरोना, डायमंड रिंग इफेक्ट, ग्रह शुक्र-बुध और कई तारे साफ दिखाई देंगे।

कौन-कौन से देश डूबेंगे अंधेरे में?

इस ग्रहण की शुरुआत अटलांटिक महासागर से होोगी और इसका सबसे पहला गहरा साया जिब्राल्टर स्ट्रेट पर पड़ेगा। इसके बाद यह इन देशों में दिन को रात में बदल देगा । इन क्षेत्रों में लगभग 6 मिनट 23 सेकंड तक पूरा सूरज गायब हो जाएगा। अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और ब्राजील इस अनोखे दृश्य को नहीं देख पाएंगे।
दक्षिणी स्पेन
मोरक्को
अल्जीरिया
ट्यूनिशिया
लीबिया
मिस्र

यह मौका हाथ से न जाने दें?

पूर्ण सूर्यग्रहण हर 18 महीने में होता है, लेकिन इतने लंबे समय वाला ग्रहण बेहद दुर्लभ है। यह ग्रहण आबादी वाले देशों से गुजरेगा, इसलिए खगोल विज्ञान, वातावरण, तापमान, और पशु व्यवहार पर शोध के लिए यह सदी का सबसे बड़ा मौका है। दुनिया की शीर्ष अंतरिक्ष एजेंसियां इसे लाइव वैज्ञानिक प्रयोगशाला की तरह देखने वाली हैं।

मिनट-दर-मिनट क्या होगा?

60–80 मिनट पहले: चांद सूरज के किनारे को छूने लगेगा
उजाला कम होता जाएगा
अचानक पूरी रोशनी गायब , तापमान गिरेगा
आकाश में तारे दिखेंगे
सूरज की कोरोना परत चमकेगी
6 मिनट 23 सेकंड तक पूरा अंधेरा
इसके बाद सूरज धीरे-धीरे लौटेगा

क्या भारत में दिखेगा?

भारत टोटैलिटी पाथ में नहीं आता। इसलिए यहां पूरा ग्रहण नहीं दिखाई देगा। कुछ राज्यों में आंशिक सूर्यग्रहण दिख सकता है, लेकिन बहुत ही सीमित। पूर्ण दृश्य देखने के लिए भारतीयों को स्पेन, मोरक्को, मिस्र या मध्य-पूर्व यात्रा करनी होगी

ग्रहण इतना लंबा क्यों होगा?

यह दुर्लभ घटना तभी होती है जब चांद पेरिजी (धरती के सबसे पास) हो और उसकी छाया सही कोण से पृथ्वी पर पड़े। दूरी और कक्षाओं की स्थिति एकदम आदर्श हो।इन्हीं कारणों से 2027 का ग्रहण अत्यंत लंबा और ऐतिहासिक बनेगा।

क्या यह ग्रहण खतरनाक?

पूर्णता के दौरान नंगी आंखों से देखने में खतरा नहीं। लेकिन शुरुआत और अंत वाले हिस्से को बिना फ़िल्टर देखना खतरनाक होगा । विशेषज्ञ सोलर फिल्टर, गॉगल्स, प्रोटेक्टिव ग्लास अनिवार्य बता रहे हैं। NASA के अनुसार अगली बार इतनी लंबी अवधि वाला सूर्यग्रहण 22वीं सदी में देखने को मिलेगा। इसलिए 2027 का ग्रहण-“इस पीढ़ी का सबसे बड़ा खगोलीय शो” माना जा रहा है।

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