राज्य में पिछले साते महीनों से बंद ड्राइविंग और लर्निंग लाइसेंस बनाने का काम छह शर्तों के साथ 16 अक्तूबर से शुरू होगा। परिवहन सचिव के रवि कुमार की ओर से इस संबंध में सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। अब राज्य के सभी 24 जिलों में सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए ड्राइविंग लाइसेंस दोबारा बन सकेंगे। हर दिन 100 से 200 लोगों के लिए ही स्लॉट बुकिंग होगी।
ड्राइविंग टेस्ट के दौरान दो लोगों के बीच दो गज की शरिरीक दूरी रखनी होगी। ड्राइविंग टेस्ट का स्थान साफ-सुथरा रखना होगा। यहां मौजूद सभी संबंधित लोगों को लगातार सैनिटाइजर का इस्तेमाल कराना सुनिश्चित किया जाएगा। अभ्यर्थियों और कार्यालय कर्मियों के बीच न्यूनतम संपर्क, सामाजिक दूरी और लगातार सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाएगा।
परिवहन विभाग की ओर से जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि सभी जिले अपने यहां प्राप्त होने वाले आवेदनों और टेस्ट लिए जाने वाले स्थान की क्षमता के अनुसार स्लॉट की संख्या निर्धारित करेंगे ताकि कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके। जिला परिवहन पदाधिकारी उपायुक्त से समन्वय स्थापित कर निर्धारित स्लॉट की संख्या का तय करते हुए सूचना विज्ञान प्राधिकारी को अवगत करायेंगे। और उसके अनुरूप सारथी पोर्टल में आवश्यक परिवर्तन करना सुनिश्चित करना होगा।
संयुक्त परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा रविशंकर विद्यार्थी ने बताया कि कोविड-19 के प्रसार के बीच लोगों की जरूरत, परेशानी और राजस्व हानि को मद्देनजर रखते हुए गृह मंत्रालय भारत सरकार के अनलॉक के तहत दी गई छूट के तहत कंटोनमेंट जोन के बाहर ड्राइविंग और लर्निंग लाइसेंस बनाने की सशर्त अनुमति दी गई है।
सूबे में अधिकतम 4800 को मिलेगा लाइसेंस बनवने का मौका : एक जिले में अधिकतम 200 स्लॉट बुक किए जा सकेंगे। इसकी संख्या कम भी हो सकती है। स्थान के आधार पर स्लॉट की संख्या निर्धारित की जानी है। यानी, सूबे में प्रतिदिन अधिकतम 200 के हिसाब से 24 जिलों में 4800 अभ्यर्थियों को लाइसेंस बनाने का मौका मिलेगा। लॉकडाउन से पहले राज्य में हर साल लगभग सवा लाख से डेढ़ लाख लाइसेंस बनते थे।
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