सिलीगुड़ी। उत्तर बंगाल की विरासत को प्रदर्शित करने और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 23 मार्च से तीन दिवसीय बंगाल हिमालयन कार्निवल का आयोजन किया जायेगा। पर्यटन व्यवसायियों के एक संघ हिमालयन हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म डेवलपमेंट नेटवर्क और राज्य पर्यटन विभाग द्वारा उत्तर बंगाल के विरासत को सामने लाने के लिए इस कार्निवल का आयोजन किया जा रहा है
मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान बताया गया कि कार्निवल 23 मार्च को कलिम्पोंग से शुरू होगा और 27 तारीख को गाजोलडोबा में इसका समापन होगा। इस कार्निवल में पहाड़ियों वासियों के साथ उत्तरी बंगाल की संस्कृति और परंपरा की भी झलक मिलेगी । इसके साथ ही खोई हुई जनजातियों की संस्कृति और उन स्थानों के विवरण पर भी कार्निवल में प्रकाश डाला जाएगा, जो पहाड़ों को विरासत में दिया गया है। पर्यटन व्यवसायियों को इस कार्निवल से काफी उम्मीदें जुड़ गयी है। उनका मानना है कि कार्निवल से उत्तर बंगाल के पर्यटन उद्योग को गति मिल सकती है और पर्यटन व्यवसायी फिर से खड़े हो सकते है ।
दरअसल उत्तर बंगाल की अर्थव्यवस्था का एक हिस्सा पर्यटन उद्योग पर निर्भर है। हालांकि पिछले दो सालों में टूरिज्म इंडस्ट्री को कोरोना की वजह से नुकसान उठाना पड़ा है। उद्योग ने लगातार कोरोना की तीन लहरों के कारण व्यावहारिक रूप से ठोकर खाई है। मगर तीसरी लहर की स्थिति थोड़ी सामान्य हो गई है और पर्यटन उद्योग धीरे-धीरे पलट रहा है। इसीलिए इस कार्निवल का आयोजन किया जा रहा है, ताकि देशी -विदेशी के पर्यटकों को फिर से उत्तर बंगाल की ओर आकर्षित किया जा सके। यह इस कार्निवल का दूसरा वर्ष है।
हिमालयन हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म डेवलपमेंट नेटवर्क के सचिव सम्राट सान्याल ने बताया कि कार्निवल के दूसरे दिन दार्जिलिंग में हिमालय पर्वतारोहण संस्थान द्वारा पर्वतारोहण उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसके साथ ही कार्निवल के दौरान टाइगर हिल से दार्जिलिंग में मॉल तक साइकिल रैली निकली जाएगी। यह कार्निवल उत्तर बंगाल में अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने में मिल का पत्थर साबित हो सकता है।
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