4 करोड़ का क्लेम पाने बिजनेसमैन ने फ्रेंड को मारकर रची अपनी मौत की झूठी कहानी, पत्नी ने मातम का ड्रामा किया
फतेहगढ़ साहिब। पंजाब के फतेगढ़ साहिब में 4 करोड़ का क्लेम लेने एक व्यक्ति ने अपनी मौत की झूठी कहानी रच डाली। इसके लिए उसने अपने ही एक फ्रेंड को मार डाला। उसके इस फ्रॉड में पत्नी के अलावा 4 अन्य लोग भी शामिल थे। पंजाब के इस बिजनेसमैन ने अपनी मौत को फर्जी बनाने की साजिश रची, ताकि वह अपने बिजनेस घाटे की पूर्ति करने 4 करोड़ रुपये की बीमा राशि का दावा कर सके।
फतेहगढ़ साहिब फेक बीमा क्लेम का केस
SSP रवजोत कौर ग्रेवाल ने बुधवार(28 जून) को कहा कि रामदास नगर इलाके के गुरप्रीत सिंह, उसकी पत्नी खुशदीप कौर और चार अन्य को सुखजीत सिंह की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, मामला तब सामने आया, जब सुखजीत की पत्नी जीवनदीप कौर ने उनके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि गुरप्रीत सिंह को अपने बिजनेस में घाटा हुआ था। उसे पूरा करने उसने पत्नी और चार अन्य लोगों-सुखविंदर सिंह संघा, जसपाल सिंह, दिनेश कुमार और राजेश कुमार के साथ मिलकर 4 करोड़ रुपये की बीमा राशि का दावा करने के लिए अपनी झूठी मौत की कहानी रची।
फेक बीमा क्लेम के लिए मौत का झूठा नाटक
गुरप्रीत ने अपनी मौत की झूठी कहानी रचने अपने से मिलते-जुलते सोनपुर इलाके के रहने वाले सुखजीत से दोस्ती की। लेकिन जब 19 जून को सुखजीत लापता हुआ, तो उसकी पत्नी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस को सुखजीत की मोटरसाइकिल और चप्पलें पटियाला रोड पर एक नहर के पास मिली थी। तब ऐसा लगा था कि उसने आत्महत्या की होगी।
लेकिन सुखजीत की पत्नी ने पुलिस को बताया कि गुरप्रीत पिछले कुछ कई दिनों से उसके पति को शराब खरीदकर दे रहा था। पुलिस ने इस एंगल को भी टटोला। लेकिन गुरप्रीत के परिवार ने पुलिस को बताया कि उसकी तो सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है।
पंजाब के फेक बीमा क्लेम की कहानी
पुलिस को कुछ संदेह हुआ। जब गुरप्रीत के परिवार से सख्ती से दोबारा पूछताछ की गई, तब मालूम चला कि सब झूठ था। गुरप्रीत जीवित था। परिवार ने 20 जून को राजपुरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि गुरप्रीत की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। जबकि इससे पहले 19 जून को गुरप्रीत ने सुखजीत की ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिला दिया था, जिससे वह बेहोश हो गया।
इसके बाद गुरप्रीत ने अपने कपड़े उसे पहनाए और फिर एक ट्रक के नीचे कुचल दिया, ताकि उसकी पहचान न हो सके। गुरप्रीत की पत्नी ने सुखजीत के क्षत-विक्षत शव की पहचान अपने पति के रूप में की थी।
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