Bihar caste census: बिहार सरकार ने जारी की जातीय गणना की रिपोर्ट, पढ़िए, राज्य में किस जाति की कितनी आबादी
पटना:। बिहार सरकार की ओर से कराई गई जातीय आधारित गणना की रिपोर्ट सोमवार यानी आज जारी कर दी गई है। बिहार सरकार में अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने यह रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है। साथ ही यह जानकारी भी दी कि कौन सी जाति की कितनी आबादी है।
बिहार सरकार में अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने जातीय आधारित गणना की रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि राज्य में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा है। इनमें पिछड़ा वर्ग-27.12 फीसदी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग-36.01 फीसदी, अनुसूचित जाति-19.65 फीसदी और अनुसूचित जनजाति-1.68 फीसदी हैं, जबकि 15.52 फीसदी आबादी सामान्य वर्ग से आती है।
अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने कहा एक जून 2022 को सर्वदलीय बैठक में बिहार में जाति आधारित गणना कराने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया था। इसके बाद दो जून 2022 को राज्य मंत्री परिषद द्वारा दिए गए निर्णय के आधार पर राज्य में जाति आधारित गणना को दो चरणों में फरवरी 2023 तक संपन्न करने का निर्णय लिया गया था।
जनगणना के बाद कितनी है बिहार की आबादी?
अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने कहा कि न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर राज्य सरकार ने राज्य के सभी धर्म एवं जातियों की गणना को संपन्न कराया है। बिहार राज्य में हुई गणना के अनुसार पूरे बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 पाई गई है। इसमें बिहार के बाहर में रहने वालों की संख्या 53 लाख 72 हजार 22 है. बिहार राज्य में रहने वालों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार 288 है।
इसमें पुरुषों की कुल संख्या छह करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है जबकि महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है। अन्य की संख्या 82 हजार 836 पाई गई है।गणना के अनुसार 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं पाई गई हैं. इनमें पूरे बिहार में कुल दो करोड़ 83 लाख 44 हजार 107 परिवार सर्वेक्षित किया गया है।
जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में सबसे अधिक हिंदुओं की संख्या है. इनकी संख्या 10 करोड़ 71 लाख 92 हजार 958 है।बिहार में मुस्लिम की संख्या 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार 925 है। ईसाई की संख्या 75238, सिख की संख्या 14753, बौद्ध की संख्या 111201 और जैन की संख्या 12523 है।
किस लिए की गई थी ये गणना?
बिहार सरकार की ओर से राज्य में जातियों की संख्या और उनकी आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए जाति जनगणना कराई गई है।सरकार का कहना है कि इससे आरक्षण के लिए प्रावधान करने और विभिन्न योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन में मदद मिलेगी।
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