डेस्क। महेंद्र सिंह धोनी के 42वें जन्मदिन पर उनके चाहने वाले उन्हें खास अंदाज में शुभकामनाएं दे रहे हैं। कोई उनकी कप्तानी के कमाल को बता रहे है तो कई उनकी काबिलियत को याद कर रहा है।
भारत के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नाम एक ऐसी भी उपलब्धि है, जो उन्हें महानता की श्रेणी में शामिल करती है। जी हां, अपनी चपलता, क्रिकेटिंग स्किल्स और काबिलियत के दम पर भारत को विश्व क्रिकेट में बादशाह बनाने वाले धोनी हर मोर्चे पर लाजवाब हैं। वे भारत के पहले और इकलौते कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी के तीनो फॉर्मेट में चैंपियन बनने का सपना पूरा किया है। यही उपलब्धि महेंद्र सिंह धोनी को बेहद खास बनाती है।
आईसीसी की तीन ट्राफियां जीतने वाले धोनी
महेंद्र सिंह धोनी की पहली कामयाबी साल 2007 में उस वक्त दिखी, जब भारत ने पहला टी20 विश्वकप अपने नाम किया। पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे एक लंबे बालों वाले कप्तान ने एक से बढ़कर एक हैरतअंगेज और चौंकाने वाले फैसले लेकर टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया। धोनी के करियर का दूसरा सबसे बड़ा पड़ाव साल 2011 में सामने आया जब उन्होंने 28 साल के बाद भारत को वनडे विश्वकप का चैंपियन बना दिया। उस वक्त टेस्ट में भी भारत का कोई सानी नहीं था। 2 साल के बाद 2013 में धोनी की कप्तानी में भारत ने आईसीसी की तीसरी प्रतिष्ठित ट्रॉफी चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा किया। ऐसा करने वाले वाले वे भारत के एकमात्र कप्तान हैं।
क्या है धोनी की लीडरशिप क्वालिटी
महेंद्र सिंह धोनी के बारे में कई चर्चाएं की जाती हैं। कोई उन्हें सबसे चतुर कप्तान कहता है तो कोई उन्हें कैप्टन कूल के नाम से पुकारता है। सही मायनों में देखा जाए तो महेंद्र सिंह धोनी की लीडरशिप क्ववालिटी कमाल की थी। जब धोनी टीम के कप्तान बने तो कई बड़े सितारे टीम में खेलते थे। धोनी ने सबको साथ लेकर चलने की रणनीति अपनाई लेकिन युवाओं को भरपूर मौके दिए। 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में धोनी ने बिल्कुल युवा टीम उतारी और जीत दर्ज की। 2011 के विश्वकप में भी उनकी टीम का कांबिनेशनल लाजवाब था। इसके अलावा जब भी जरूरत पड़ती तो धोनी खुद आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व करते रहे हैं।