शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत सोमवार, 22 सितंबर से हो रही है और इसका समापन बुधवार, 2 अक्टूबर (विजयदशमी/दशहरा) को होगा। इस नौ दिवसीय पर्व में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा विधिपूर्वक की जाती है और भक्त व्रत रखकर देवी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।
नवरात्रि का व्रत तभी पूर्ण फल देता है जब व्रती सही नियमों और संयम का पालन करे। यदि व्रत में छोटी सी भी चूक हो जाए, तो इसका फल अधूरा रह सकता है। इसलिए जानिए, व्रत में क्या करें और क्या नहीं करें:
❌ नवरात्रि व्रत में क्या नहीं करना चाहिए:
- क्रोध और नकारात्मक सोच से बचें
- नवरात्रि के दौरान मन को शांत और सकारात्मक बनाए रखें। किसी की निंदा, बुराई या झूठ से बचें।
- बेड या तख्त पर न सोएं
- व्रती को भूमि पर चटाई या साधारण बिछावन पर सोना चाहिए। आरामदायक गद्दों से परहेज करें।
- फलाहार में अनुशासन रखें
- यदि आपने संकल्प लिया है कि केवल एक समय भोजन करेंगे, तो बार-बार फलाहार न करें (स्वास्थ्य कारण को छोड़कर)।
- अनावश्यक यात्रा से बचें
- व्रत के दौरान लंबी यात्राओं से बचना चाहिए, क्योंकि इससे नियमों का पालन कठिन हो सकता है।
- तामसिक भोजन न बनाएं
- नवरात्रि में प्याज, लहसुन, मांस-मछली, अंडा जैसे तामसिक पदार्थ वर्जित होते हैं, घर में भी नहीं बनने चाहिए।
- सामान्य नमक का उपयोग न करें
- व्रत के दौरान सिर्फ सेंधा नमक का ही प्रयोग करें, सामान्य नमक व्रत भंग कर सकता है।
- शारीरिक रूप से असमर्थ होने पर व्रत न करें
- यदि कोई व्यक्ति बीमार है या लगता है कि वह पूरे नियमों का पालन नहीं कर पाएगा, तो उसे व्रत नहीं रखना चाहिए।
✅ नवरात्रि व्रत में क्या करना चाहिए:
- सत्य बोलें और मन पर संयम रखें
- विचारों और शब्दों में पवित्रता रखें। हर दिन देवी का स्मरण करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें
- संयमित जीवन जिएं, इंद्रियों पर नियंत्रण रखें और मानसिक रूप से मां दुर्गा के प्रति समर्पित रहें।
- प्रातः और संध्या पूजन करें
- रोज़ सुबह और शाम मां दुर्गा की पूजा करें, दीपक जलाएं और फिर भोजन या फलाहार करें।
- मां के नौ रूपों की पूजा करें
- हर दिन एक-एक रूप की पूजा करें और आरती करें।
- सात्विक और शुद्ध आहार लें
- व्रत के लिए उपयुक्त आहार जैसे साबूदाना, आलू, कुट्टू, सिंघाड़ा और सेंधा नमक का प्रयोग करें।
- कन्या पूजन करें
- सप्तमी, अष्टमी या नवमी को 9 कन्याओं को आमंत्रित कर भोजन कराएं, उन्हें उपहार दें। यह व्रत का प्रमुख हिस्सा है।
- हवन और पूजा का आयोजन करें
- नवमी के दिन हवन, पूजन और कन्या भोज से व्रत की पूर्णता मानी जाती है।
📜 शुद्ध आहार, शुद्ध विचार और शुद्ध आचरण
नवरात्रि एक आध्यात्मिक और साधना का पर्व है। इन 9 दिनों में शुद्ध आहार, शुद्ध विचार और शुद्ध आचरण का पालन करना चाहिए। छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपने व्रत को सफल बना सकते हैं और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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