नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ रविवार शाम को इंडिया गेट पर हुए प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने माओवादी कमांडर मादवी हिडमा के भी पोस्टर लहराए हैं, जिससे उनकी मुसीबत बढ़ गई है। प्रदर्शनकारियों ने “मादवी हिडमा अमर रहे” के नारे भी लगाए। इस दौरान पुलिस से उनकी झड़प में मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया गया है, जिससे 4 से 5 पुलिसकर्मी चोटिल हो गए हैं। पुलिस ने अब 15 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में हिडमा को क्यों लाया गया?
दरअसल, प्रदर्शनकारियों के हाथ में जो मारे गए नक्सली मादवी हिडमा के पोस्टर थे, उसमें उसकी तुलना आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा से की गई है। प्रदर्शनकारी हिडमा की बंदूक लिए हुए चित्र का पोस्टर बनाकर लाए थे। उन्होंने हिडमा को जल, जंगल और जमीन का रखवाया बताया। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए, “जितने हिडमा मारोगे, हर-घर से हिडमा निकलेगा।” पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
कौन था मादवी हिडमा?
आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामाराजू में 18 नवंबर को कुख्यात शीर्ष माओवादी कमांडर मादवी हिडमा को मुठभेड़ में मार गिराया गया है। उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम था। सुरक्षा बलों ने उसकी पत्नी राजी उर्फ राजम्मा को भी मुठभेड़ में मारा है। हिडमा पिछले 2 दशक से भी अधिक समय से छत्तीसगढ़ के बस्तर में सक्रिय था। उसने देश के बड़े-बड़े 26 नक्सली हमलों को अंजाम दिया था, जिसमें 130 से अधिक जवान मारे गए थे।