नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में लगातार हिन्दू मंदिरों पर खालिस्तानियों के हमले जारी हैं। एक बार फिर से ऑस्ट्रेलिया के एक हिन्दू मंदिर को निशाना बनाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक ये हमला ब्रिसब्रेन में स्थित श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में हुआ है। इस बार भी इस हमले के पीछे खालिस्तानी उपद्रवियों का हाथ बताया जा रहा है। मंदिर में पीएम मोदी के खिलाफ बातें लिखी गई हैं। आपको बता दें कि बीते 2 महीनों में ये चौथी घटना है जिसमें किसी हिन्दू मंदिर को निशाना बनाया गया है।
‘द ऑस्ट्रेलिया’ टुडे को मंदिर के पास में ही रहने वाले रमेश कुमार ने बताया कि इस नफरत का सामना करना अपने आप में एक बहुत ही दुखद अनुभव है। रिपोर्ट के मुताबिक इस बार इस बार खालिस्तानी गुंडों ने भारतीय राजनीतिक दल कांग्रेस के समर्थकों द्वारा पूर्व में किए गए अपराध के लिए सीधे ऑस्ट्रेलियाई हिंदू समुदाय को दोषी ठहराया है। मंदिर के अध्यक्ष सतिंदर शुक्ला ने ने कहा कि हम प्रबंधन समिति की पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद विस्तृत बयान देंगे।
12 जनवरी को पहली बार हुआ हमला
जनवरी में ही भारत विरोधी तत्वों ने 15 दिनों के भीतर ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न के तीन अलग-अलग हिस्सों में कई मंदिरों में तोड़फोड़ की थी। सबसे पहले 12 जनवरी को मेलबर्न के मिल पार्क में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर को भारत विरोधी और हिंदू विरोधी नारों से भर दिया गया था। इसके बाद 18 जनवरी को मेलबर्न के श्री शिव विष्णु मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। फिर पांच दिन बाद 23 जनवरी को मेलबर्न के अल्बर्ट पार्क में में बने इस्कॉन मंदिर में भारत विरोधी नारे लिखे गए थे।
वाणिज्य दूतावास के कार्यालय में दिखा खालिस्तानी झंडा
इसके बाद 21 फरवरी की रात कुछ खालिस्तान समर्थकों द्वारा ब्रिस्बेन के टारिंगा उपनगर में स्वान रोड पर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास कार्यालय को भी निशाना बनाया गया था। ब्रिसबेन में भारत की कॉन्सुलेट अर्चना सिंह ने 22 फरवरी को कार्यालय में खालिस्तान का झंडा लगा हुआ देखा। इसके बाद सिंह ने क्वींसलैंड पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने आकर इस झंडे को जब्त कर लिया और किसी अन्य खतरे की आशंका के बीच भारतीय दूतावास को खाली कराया।
मंदिर में आए धमकी भरे फोन
इससे पहले 17 फरवरी को ब्रिस्बेन के गायत्री मंदिर को लाहौर, पाकिस्तान में स्थित खालिस्तान चरमपंथियों से डराने-धमकाने वाले फोन आए थे। द ऑस्ट्रेलिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, गायत्री मंदिर के अध्यक्ष जय राम और उपाध्यक्ष धर्मेश प्रसाद को शुक्रवार को अलग-अलग फोन आए, जिसने खुद की पहचान ‘गुरुवादेश सिंह’ के रूप में बताई और हिंदू समुदाय से खालिस्तान जनमत संग्रह का समर्थन करने की मांग की।