कोलकाता। बीरभूम में हुए हिंसा के बाद विपक्ष लगातार ममता बनर्जी सरकार को घेरने की कशिश में जुटा हुआ है। वहीं सीएम ममता बनर्जी ने घटना को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार हमारी है, हमें अपने राज्य के लोगों की चिंता है। हम कभी नहीं चाहेंगे कि किसी को तकलीफ हो। बीरभूम, रामपुरहाट की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने ओसी, एसडीपीओ को तत्काल बर्खास्त कर दिया है। मैं कल रामपुरहाट जाऊंगी।
इसके अलावा ममता बनर्जी ने कहा कि यह बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं। मैंने तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल हाथरस भेजा था लेकिन हमें प्रवेश नहीं दिया गया। लेकिन हम किसी को यहां आने से नहीं रोक रहे हैं। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि गुजरात और राजस्थान में भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। मैं रामपुरहाट की घटना को सही नहीं ठहरा रहा हूं। हम निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने ने कहा रामपुरहाट की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस घटना में शामिल दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि इस घटना की आड़ में उनकी सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उत्तर प्रदेश नहीं है कि घटनास्थल पर कोई जा नहीं सकेगा। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर हर किसी को जाने की इजाजत है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को रामपुरहाट का दौरा भी करेंगी।
उधर खबर यह भी है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। बुधवार को राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एसएफएसएल) और एसआईटी की एक टीम बीरभूम के रामपुरहाट पहुंच चुकी है।
बीरभूम के रामपुरहाट की घटना पर एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि घटना की जानकारी हमें मिली है। इसे लेकर हमने कल ही नोटिस जारी कर बीरभूम के जिला पुलिस और डीजीपी से तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है। हमने पूरी घटना पर नजर बनाए रखी है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
इसके अलावा रामपुरहाट हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने ममता बनर्जी सरकार पर आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल की संवैधानिक व्यवस्था को गुंडे-मवालियों और देशद्रोही ताकतों ने बंधक बना लिया है। जिस तरह से यह लोग पश्चिम बंगाल में आम लोगों का खून बहा रहे हैं, उससे यह साबित है कि वहां की सरकार ऐसे लोगों के सामने असहाय हो चुकी है।
उधर, खबर यह भी है कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कम से कम 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले में नौ और लोगों की गिरफ्तारी होने के बाद हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। हम यह पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ कर रहे हैं कि क्या इस घटना में और लोग शामिल थे।
उन्होंने कहा, ‘ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कुछ आरोपी गांव से भाग गए हैं. हम उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि फॉरेंसिक विशेषज्ञ घटना की प्रकृति के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए क्षतिग्रस्त मकानों की जांच कर रहे हैं।
बताते चलें कि रामपुरहाट के बोगतुई गांव में मंगलवार को तड़के करीब एक दर्जन मकानों में आग लगने से दो बच्चों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई। यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पंचायत स्तर के एक नेता की कथित हत्या के कुछ घंटों के भीतर हुई।
तृणमूल कांग्रेस के नेता की हत्या के बाद रामपुरहाट शहर के बाहरी इलाके में स्थित बोगतुई गांव में कथित तौर पर करीब एक दर्जन मकानों में आग लगा दी गई थी।ऐसा कहा जा रहा है कि कुछ लोगों ने अपने नेता की हत्या के प्रतिशोध में मकानों में आग लगा दी। इस घटना के सिलसिले में मंगलवार को 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।