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कुकी नेता के घर को भीड़ ने लगाई आग, मणिपुर में एक बार फिर भड़की हिंसा

इम्फाल। मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में एक कुकी नेता के घर को भीड़ ने आग लगा दी। इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया। इस बात की जानकारी सोमवार को अधिकारियों ने दी। अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि. . .

इम्फाल। मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में एक कुकी नेता के घर को भीड़ ने आग लगा दी। इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया। इस बात की जानकारी सोमवार को अधिकारियों ने दी। अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन के नेता कैल्विन ऐखेनथांग के आवास को रविवार देर रात आग लगा दी गई।

एक अन्य नेता के घर को भी बनाया निशाना

अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य कुकी नेता गिन्जा वुअलजोंग के घर को भी भीड़ ने निशाना बनाया, लेकिन स्थानीय लोगों ने हस्तक्षेप किया और घर को आग लगने से बचा लिया। बता दें कि यह घटना उस समय हुई जब 12 सितंबर को सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। दोनों की गिरफ्तारी को लेकर जिले में भारी विरोध-प्रदर्शन भी हुए थे। यह पूरा घटनाक्रम पीएम मोदी के मणिपुर दौरे से ठीक पहले सामने आया था।

जवानों ने की इलाके की घेराबंदी

मामले की जानकारी मिलने पर घटनास्थल पर तुरंत सेना के जवान पहुंचे और पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी। इसके अलावा बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रशासन ने जिले में निगरानी कड़ी कर दी, जिससे हालात और ना बिगड़े।

राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने का लिया था निर्णय

अधिकारियों ने कहा कि केएनओ और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट के साथ एसओओ समझौते पर हस्ताक्षर से अशांत राज्य में शांति प्रयासों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा कुकी ने मणिपुर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं की मुक्त आवाजाही के लिए खोलने का निर्णय लिया था।

‘सुरक्षाबलों को सहयोग करें प्रदान’

हालांकि सोमवार को केजेडसी ने स्पष्ट किया कि उसने एनएच-2 को पुनः खोलने की घोषणा नहीं की है और इस मार्ग पर किसी भी प्रकार की मुक्त आवाजाही की अनुमति नहीं दी गई है। एक बयान में परिषद ने कहा- हमारा अनुरोध केवल कांगपोकपी जिले के लोगों से था कि वे गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार एनएच-2 पर यात्रियों की सुरक्षा बनाए रखने में सुरक्षा बलों को सहयोग प्रदान करें।

बयान की गई गलत व्याख्या

केजेडसी ने दावा किया कि बयान की “गलत व्याख्या” की गई है और इससे “अनावश्यक भ्रम” पैदा हुआ है। परिषद ने कहा- चूंकि मैतेई और कुकी के बीच संघर्ष का अभी तक कोई समाधान या सहमति नहीं हुई है, इसलिए किसी भी पक्ष के किसी भी व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में संबंधित क्षेत्रों में प्रवेश नहीं करना चाहिए।