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केरल में आज ‘ब्लैक डे’ मनाएगी कांग्रेस, विपक्ष के पास एकजुट होने का मौका

नई दिल्ली। मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म होने ने विपक्ष को एकजुट होने का बड़ा मौका दिया है। वहीं वहीं लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के विरोध में,. . .

नई दिल्ली। मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म होने ने विपक्ष को एकजुट होने का बड़ा मौका दिया है। वहीं वहीं लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के विरोध में, वायनाड जिला कांग्रेस कमेटी आज ‘ब्लैक डे’ मनाएगी। इसकी जानकारी जिला कांग्रेस कमेटी वायनाड के अध्यक्ष एनडी अप्पाचन ने दी।
शुक्रवार को पहले 14 विपक्षी दलों ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद राहुल की सदस्यता खत्म होने की सूचना के बाद उनके समर्थन में खड़े दिखाई दिए।
गौरतलब है कि अपवादस्वरूप कुछ दलों को छोड़ कर विपक्ष के सभी दलों के नेता भ्रष्टाचार सहित अन्य आपराधिक मामलों में केंद्रीय जांच एजेंसियों की ओर से युद्धस्तर पर की जा रही जांच से सरकार से खफा हैं।
राहुल के समर्थन में ऐसे दल भी खड़े हुए हैं जिन्होंने इसी हफ्ते गैरभाजपा-गैरकांग्रेस दलों को एकजुट करने की मुहिम शुरू की थी। इस क्रम में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बाद ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से मुलाकात की थी। इस मुहिम को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का भी समर्थन हासिल था। अब इन नेताओं ने सरकार पर लोकतंत्र खत्म करने और विपक्ष को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
जांच का डर या एकजुटता की प्रतिबद्धता
जद-यू, बीजेडी को छोड़ दें तो वर्तमान में सभी विपक्षी दलों के नेता भ्रष्टाचार सहित दूसरे आपराधिक मामलों में जांच एजेंसियों की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। टीएमसी, शिवसेना, एनसीपी के कई नेता जेल में हैं। आप के दो मंत्री जेल में हैं। सपा के कई नेताओं को सदस्यता गंवानी पड़ी है। बीआरएस प्रमुख केसीआर पुत्री के कविता से ईडी की पूछताछ की प्रक्रिया जारी है। नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी के भी कई नेता ईडी की जांच के दायरे में हैं।
बदले ममता और अखिलेश के सुर
इसी हफ्ते ममता बनर्जी और अखिलेश ने गैरकांग्रेस विपक्ष की एकजुटता की मुहिम छेड़ी थी। ममता ने तो राहुल को पीएम मोदी की टीआरपी बताया था जबकि अखिलेश ने भाजपा के साथ ही कांग्रेस से भी समान दूरी बनाने की घोषणा की थी। हालांकि शुक्रवार को ममता और अखिलेश ने मोदी सरकार पर लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश का आरोप लगाया।
कारोबारी मित्रों से ध्यान भटकाने की चाल : अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराना भाजपा की महंगाई, बेरोजगारी और अपने एक कारोबारी मित्र के मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की चाल है।
जनता देगी जवाब : पवार
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, ने कहा है कि संविधान के खिलाफ लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन हुआ है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। यह सब देश की जनता देख रही है और इसका जवाब देगी। –
भविष्य में एकजुट रहना चुनौती
साल 2014 के बाद से विपक्ष की एकता अलग-अलग दलों के नेताओं की महत्वाकांक्षा के कारण मौके पर बिखरती रही है। हालांकि राहुल के खिलाफ कार्रवाई मामले में विपक्षी दल एक सुर में बोल रहे हैं, मगर भविष्य में यही एकजुटता बनाए रखना आसान नहीं होगा। इस समय कई विपक्षी दलों को राहुल का साथ न देने के कारण सियासी घाटे का डर सता रहा है। हालांकि विपक्ष का चेहरा, संयुक्त रणनीति और मोदी सरकार के खिलाफ समान मुद्दा जैसे यक्ष प्रश्न का जवाब विपक्ष अब तक नहीं ढूंढ पाया है।

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