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गुवाहाटी टेस्ट के बाद इस भारतीय खिलाड़ी की विदाई तय, अब शायद कभी नहीं पहनेगा टीम इंडिया की जर्सी

टीम इंडियागुवाहाटी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो मैच की टेस्ट सीरीज का दूसरा और आखिरी मुकाबला खेल रही है। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के लिए टेम्बा बवुमा की अगुवाई वाली टीम का प्रदर्शन लाजवाब रहा।लेकिन इस दौरान भारतीय. . .

टीम इंडियागुवाहाटी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो मैच की टेस्ट सीरीज का दूसरा और आखिरी मुकाबला खेल रही है। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के लिए टेम्बा बवुमा की अगुवाई वाली टीम का प्रदर्शन लाजवाब रहा।
लेकिन इस दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी फ्लॉप परफ़ोर्मेंस से दर्शकों को खासा निराश किया। इसी बीच भारतीय टीम के एक खिलाड़ी ने अपने शर्मनाक प्रदर्शन से चयन के अवसर लगभग पूरी तरह खो दिए हैं। तो आइए इस लेख के जरिए जानते हैं कि कौन है ये खिलाड़ी…

इस खिलाड़ी ने खेला अपना आखिरी मुकाबला!

कोलकाता टेस्ट में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गुवाहाटी मैच की पहली पारी में भी खराब फॉर्म का खामियाजा एक भारतीय खिलाड़ी को भुगतना पड़ सकता है। टीम प्रबंधन इस खिलाड़ी अब टेस्ट टीम में स्थान देने से पहले कई बार विचार करेगा। हम यहां बात युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल की कर रहे हैं, जो अपने तगड़े फॉर्म की वजह से टीम में तो शामिल हुआ लेकिन उसके बाद से फॉर्म पूरी तरह गायब है।
टीम इंडिया के इस खिलाड़ी ने साउथ अफ्रीका के साथ खेले पहले टेस्ट मैच की दोनों पारियों में क्रमश: 14 और 13 रन बनाए थे। उसके बाद बावजूद उसे गुवाहाटी टेस्ट में मौका दिया गया लेकिन यहां भी कहानी वही रही। पहली पारी में जुरेल शून्य पर आउट हुए। बल्ले से उनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी और विकेट के पीछे दबदबे की कमी ने लाल गेंद वाले क्रिकेट में उनके दीर्घकालिक भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह भारतीय खिलाड़ी आउट होकर जैसे ही मैदान से बाहर गया, दर्शकों की धीमी तालियों ने एक अनकहे अहसास का संकेत दिया—कि यह भारतीय टेस्ट जर्सी में उनका आखिरी मैच हो सकता है।

प्रदर्शन में गिरावट और बढ़ती प्रतिस्पर्धा

जुरेल का करियर उम्मीदों के साथ शुरू हुआ था, लेकिन समय के साथ, उनके आंकड़े उस क्षमता को दर्शाने में विफल रहे जिसने उन्हें कभी भारतीय टेस्ट टीम के लिए एक मजबूत दावेदार बनाया था। हाल की श्रृंखलाओं में, जहां युवा खिलाड़ी बल्ले और दस्तानों से दमदार प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं जुरेल को लय बनाए रखने में मुश्किल हो रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक टेस्ट टीम में ऐसे विकेटकीपरों की जरूरत होती है जो हर पारी में लगातार 35-40 रन बना सकें और साथ ही मजबूत विकेटकीपिंग भी कर सकें। दुर्भाग्य से, जुरेल के हालिया प्रदर्शनों में न तो स्थिरता दिखी है और न ही मैच में निर्णायक योगदान।
ईशान किशन और केएस भरत जैसे फॉर्म में चल रहे विकेटकीपरों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण, जुरेल का स्थान धीरे-धीरे चयनकर्ताओं की दीर्घकालिक योजनाओं से बाहर होता जा रहा है। कई क्रिकेट पंडितों का अब मानना ​​है कि गुवाहाटी टेस्ट इस 23 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी के लिए एक शांत विदाई साबित हो सकता है

टीम में जगह बनाना हुआ मुश्किल

क्रिकेट विश्लेषकों ने मैच के बाद जोर देकर कहा कि टेस्ट क्रिकेट में संघर्षरत खिलाड़ियों को सीमित मौके मिलते हैं—खासकर जब नई प्रतिभाएं मजबूत साख के साथ उभरती हैं। कई पूर्व क्रिकेटरों ने कहा कि तकनीकी रूप से तो जुरेल मजबूत हैं, लेकिन दबाव में वे संयम नहीं दिखा पा रहे हैं। उनके हालिया आउट होने, जो अक्सर हल्के और गलत टाइमिंग से हुए, ने उनकी दावेदारी को और कमज़ोर कर दिया है। जैसे-जैसे भारत भविष्य के टेस्ट मैचों की तैयारी कर रहा है, चयनकर्ताओं से उम्मीद की जा रही है कि वे निरंतरता और लचीलेपन को प्राथमिकता देंगे, जो गुण जुरेल ने हाल के महीनों में नहीं दिखाए हैं।

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