मालदा। पेशे से शिक्षक अनिल चंद्र सरकार का जुनून है खोये हुए देशी चावल के बीजों को संरक्षित करना। उसकी अपनी छत ही उनकी प्रयोगशाला है। विलुप्त हो रहे चावल के बीजों के संरक्षण के लिए पटना आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) की ओर से उनकी सराहना की गई है। यह काम वह पिछले 30 सालों से लगातार कर रहे हैं।
हाल ही में पटना आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) के 3 वैज्ञानिक यहां आकर उनके काम की तारीफ की है। उन्होंने अपने शोध के तहत चावल की 6 किस्मों के बीज वैज्ञानिकों को मुफ्त में दिए हैं।
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