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चीन ने रोक दिए अमेरिकी ‘जहाज’, खौफ में पूरा अमेरिका, गाजा में शांति कराने वाले ट्रंप ने छेड़ दी नई ‘जंग’

नई दिल्ली/बीजिंग: चीन ने अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले रेयर अर्थ मिनरल्स पर बैन लगा दिया है। अमेरिकी इंडस्ट्री के लिए बेहद जरूरी रेयर अर्थ मिनरल्स के लिए अमेरिका बहुत हद तक चीन पर निर्भर है। ऐसे में चीन. . .

नई दिल्ली/बीजिंग: चीन ने अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले रेयर अर्थ मिनरल्स पर बैन लगा दिया है। अमेरिकी इंडस्ट्री के लिए बेहद जरूरी रेयर अर्थ मिनरल्स के लिए अमेरिका बहुत हद तक चीन पर निर्भर है। ऐसे में चीन के इस कदम से भड़के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 100 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है। इससे दुनिया में नई ट्रेड वॉर छिड़ सकती है। 21वीं सदी की वैश्विक अर्थव्यवस्था में ताकत हमेशा मिसाइलों या माइक्रोचिप्स के रूप में नहीं मिलती। कभी-कभी यह सोयाबीन की तरह भी दिखती हैं। एक रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी के हाथों में एक साधारण फसल भी कूटनीतिक हथियार बन सकती है। चीन भी यही काम कर रहा है। उसने रेयर अर्थ पर पाबंदी लगाने के बाद हजारों टन सोयाबीन उगाने वाले अमेरिका के जहाजों को अपनी ओर आने से पहले ही रोक दिया है। दरअसल, चीन ने इस साल अचानक अमेरिका से सोयाबीन खरीदना बंद कर दिया है। इससे अमेरिकी किसान खौफ में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपना सबकुछ मानने वाले किसान चीन के इस कदम से सड़क पर आ सकते हैं और पूरे अमेरिका में एक नए तरह का आंदोलन पनप सकता है।

अमेरिका ने चीन पर लगा दिया 100 फीसदी और टैरिफ


अमेरिका ने रेयर अर्थ मिनरल्स को बैन करने पर चीन पर 100 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है। नोबेल पीस प्राइज नहीं मिलने से निराश ट्रंप ने चीन के रेयर अर्थ मिनरल्स बैन करने पर यह फैसला लिया है। इससे दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। ट्रंप ने कहा कि 1 नवंबर 2025 से अमेरिका चीन से आयातित सभी उत्पादों पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। यह टैरिफ पहले से लागू शुल्क के ऊपर होगा। इसके अलावा, अमेरिका उसी दिन सभी critical सॉफ्टवेयर पर भी निर्यात नियंत्रण लागू करेगा।

गाजा युद्ध खत्म कराने वाले ट्रंप ने शुरू करा दी नई जंग


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में इजरायल-हमास में शांति करा दी है, मगर चीन से अमेरिका के नए ट्रेड वॉर को शुरू कर दिया है। अब यह युद्ध कब खत्म होगा, इसका अंदाजा नहीं लग पा रहा है। अमेरिका और चीन ने 15 जनवरी, 2020 को पहले चरण के व्यापार समझौते पर एक ऐतिहासिक और लागू करने योग्य समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। मगर, ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से चीन और भारत के साथ अमेरिका के रिश्ते लगातार खराब हो रहे हैं। माना जा रहा है कि ट्रंप के इस कदम से अब अमेरिका और चीन के बीच बड़ा ट्रेड वॉर छिड़ सकता है। ऐसे में APEC की बैठक में चीन के साथ इस मसले को सुलझाने को लेकर बात हो सकती है।