दिसपुर। असम के ये मशहूर सिंगर जुबिन गर्ग को लेकर उनके फैन्स में किस कदर दीवानगी है, इसका नजारा उनकी अंतिम विदाई पर दिख गया है। सड़क पर उनके लिए भारी भीड़ जमा हो गई। भावुक कर देने वाला ये पल आखिरी विदाई देते हुए दुनिया की चौथे सबसे बड़ी पब्लिक भीड़ के तौर पर दर्ज हुई और ये लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया।
जुबिन गर्ग अंतिम संस्कार दुनिया की चौथी सबसे बड़ी भीड़
जुबिन गर्ग को लेकर उनके फैन्स, उन्हें चाहने वालों में कैसी दीवानगी थी, उसका एहसास भले आपको उनके रहने पर न हुआ हो लेकिन जाते-जाते इसकी झलक वो पूरी दुनिया को दिखाकर चले गए। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए लोगों की भारी भीड़ जमा हुई, जो लाखों में रही। उनके फैन्स की ये भीड़ इतनी बड़ी थी कि इसे वजह से ये पल लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया।
लाखों लोग महान गायक जुबिन गर्ग को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ पड़े। असम के ये मशहूर सिंगर को लाखों की संख्या में विशाल जनसमूह अंतिम विदाई देने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़े। देखते ही देखते सड़क पर समंदर जैसा नजारा दिखने लगा। हर कोई अपने इस चहेते सिंगर को एक आखिरी बार आंखों में भर लेना चाहता था।
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स दर्ज
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसे इतिहास के सबसे बड़े अंतिम संस्कारों में से एक माना गया है और इसी वजह से ये लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स दर्ज हो चुका है। बताया जा रहा है कि जुबिन गर्ग की अंतिम यात्रा को वर्ल्डवाइड चौथी सबसे बड़ी पब्लिक भीड़ के रूप में दर्ज की गई है। इस लिस्ट में अब तक माइकल जैक्सन, पोप फ्रांसिस और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय जैसे यादगार आखिरी विदाई समारोह हैं।
गुवाहाटी में ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया
इस दुखद मौके पर गुवाहाटी में ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया क्योंकि पूरी की पूरी सड़कें उनके फैन्स से भरी पड़ी थीं। अंतिम संस्कार के की इस विशाल यात्रा में हर तरफ से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जहां फूल, मन से प्रार्थनाएं, आंखों से आंसू और भावपूर्ण गीत हवा में जैसे गूंज रहे थे। शहर के हर कोने में जैसे गहरा दुख साफ दिखाई दे रहा था। न केवल असम के लिए, बल्कि उस पीढ़ी के लिए भी जो जुबिन के संगीत के साथ बड़ी हुई है।
असमिया संगीत को राष्ट्रीय पहचान दिलाई
जुबिन ने असमिया संगीत को राष्ट्रीय पहचान दिलाई। उन्होंने गैंगस्टर (2006) के ‘या अली’ जैसे सदाबहार गानों के साथ बॉलीवुड में भी अपनी छाप छोड़ी। अलग-अलग भाषाओं और शैलियों में गाने की उनकी क्षमता ने उन्हें घर-घर में जाना-पहचाना नाम और वहां गौरव का प्रतीक बना दिया।
सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग दुर्घटना में उनकी मौत हो गई
बताते चलें कि 19 सितंबर को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। इस दुखद गटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। जुबिन नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में परफॉर्म करने सिंगापुर पहुंचे थे। इवेंट से पहले दोस्तों के साथ स्कूबा डाइविंग के लिए पहुंचे। वहां पानी के नीचे बेहोश हो जाने से उनके लिए मुसीबत खड़ी हो गई। तत्काल बचाव और मेडिकल हेल्प के बावजूद, डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाए। वह 52 वर्ष के थे।
आज 23 सितंबर को उनका अंतिम संस्कार
बताते चलें कि आज 23 सितंबर को उनका अंतिम संस्कार असम के कमरकुची गांव, उत्तरी कैरोलिना में होना है। अंतिम संस्कार में भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों के प्रतिनिधि भी मौजूद होंगे। उन्हें राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी।