गुवाहाटी। भारत के लोकप्रिय गायक और असम के सांस्कृतिक आइकन कहे जाने वाले जुबीन गर्ग की बीते 19 सितंबर को सिंगापुर में निधन हो गया। इसके बाद देशभर में शोक की लहर दौड़ उठी है। खासकर असम में। ऐसे में गुवाहाटी विश्वविद्यालय ने जुबीन गर्ग को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके नाम पर कई बड़े फैसले लिए हैं। इसके तहत विश्वविद्यालय ने अपने प्रदर्शन कला एवं संस्कृति केंद्र का नाम अब ज़ुबीन गर्ग के नाम पर रखने का फैसला किया है। साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में जुबीन गर्म की प्रतिमा स्थापित करने पर भी सहमति जताई है।
गुवाहाटी विश्वविद्यालय ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर के दी। विश्वविद्यालय द्वारा किए गए पोस्ट में बताया गया कि जुबीन गर्ग को सम्मान देने के लिए कुल चार प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इनमें एक कॉफी टेबल बुक भी शामिल है, जिसमें जुबीन गर्ग के जीवन और उनकी रचनात्मक यात्रा को दर्शाया जाएगा। इसके साथ ही युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से अब यूनिवर्सिटी के इंटर-कॉलेज यूथ फेस्टिवल में होने वाले गायन प्रतियोगिता में ‘जुबीन के गाने’ नाम की एक नई कैटेगरी भी जोड़ी जाएगी।
जानें कैसे हुआ था जुबीन गर्ग का निधन?
गौरतलब है कि असम के सांस्कृतिक आइकन कहे जाने वाले जुबीन गर्ग का निधन 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में डूबने के कारण हुआ था। वह सिंगापुर नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में शामिल होने गए थे। उनके निधन के बाद देशभर में उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ उठी। इसके बाद 23 सितंबर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ गुवाहाटी के बाहरी इलाके कमरकुची में जुबीन के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया।
इसके बाद जब गायक गर्ग के निधन की जांच की मांग जब उठी तो राज्य सरकार ने एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम बनाई। हाल ही में नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक, जुबीन गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और संगीतकार शेखर ज्योति गोस्वामी के घरों की भी तलाशी ली गई।