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धनतेरस कल : जाने क्यों मनाया जाता है यह पर्व और इस दिन किस भगवान की पूजा होती है ? क्या खरीदना रहता है शुभ

नई दिल्ली। धनतेरस दिवाली पर्व की शुरुआत का पहला दिन माना जाता है। इसे ‘धनत्रयोदशी’ भी कहा जाता है, जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। इसधनत वर्ष धनतेरस 18 अक्तूबर 2025 को मनाई. . .

नई दिल्ली। धनतेरस दिवाली पर्व की शुरुआत का पहला दिन माना जाता है। इसे ‘धनत्रयोदशी’ भी कहा जाता है, जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। इसधनत वर्ष धनतेरस 18 अक्तूबर 2025 को मनाई जा रही है। इस दिन खरीदारी का विशेष महत्व है। धनतेरस समृद्धि का पर्व है, ये तो सभी को पता है, लेकिन क्या आपको ज्ञात है कि धनतेरस मनाने की शुरुआत क्यों हुई? आइए जानते हैं धनतेरस मनाने की वजह, इसकी पौराणिक कथा क्या है और माता लक्ष्मी के अलावा धनतेरस पर किस भगवान की पूजा की जाती है? धनतेरस पर्व मनाने से पहले आपको इस दिन के धार्मिक और पौराणिक महत्व के बारे में जान लेना चाहिए।

धनतेरस 2025 कब है?

-इस वर्ष धनतेरस 18 अक्तूबर 2025 को मनाई जा रही है। इसके दूसरे दिन यानी 20 अक्तूबर को दिवाली मनाई जाएगी।

धनतेरस पर किस भगवान की पूजा होती है?

-दीपावली पर्व माता लक्ष्मी की पूजा का पर्व है। धनतेरस पर भी मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। लेकिन इस दिन भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर की पूजा का भी विशेष महत्व है। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के जनक और देवताओं के वैद्य हैं। उन्हें विष्णु भगवान का अवतार भी माना जाता है। वहीं कुबेर जी धन के देवता है।

धनतेरस का पौराणिक महत्व

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत कलश लेकर भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए, वही दिन धनतेरस माना जाता है। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद के जनक और देवताओं के वैद्य माना जाता है। इसीलिए इस दिन स्वास्थ्य, दीर्घायु और समृद्धि की कामना की जाती है।
वहीं दूसरी मान्यता के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों को धन-धान्य से भर देती हैं। इसलिए लोग इस दिन सोना, चांदी, बर्तन या नई चीजें खरीदते हैं, जिसे शुभ माना जाता है।

क्यों की जाती है इस दिन पूजा

धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा स्वास्थ्य के लिए की जाती है। माता लक्ष्मी और कुबेर देव की आराधना से घर में धन और समृद्धि का वास होता है। शाम के समय दीपदान करने की परंपरा है जिससे यम देव प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु से रक्षा होती है।

धनतेरस पर पूजा कैसे करें?

घर की सफाई कर उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा स्थल सजाएं। भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी और कुबेर देव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। दीपक जलाकर, फूल, मिठाई और धूप अर्पित करें। साथ ही धन्वंतरि स्तोत्र या लक्ष्मी मंत्र का जाप करें। इस दिन नई वस्तु या धातु का सामान खरीदें और उसे पूजन में शामिल करें।

धनतेरस पर क्या खरीदना शुभ माना जाता है?

सोना, चांदी या चांदी के सिक्के
पीतल या तांबा के बर्तन
झाड़ू
इलेक्ट्रॉनिक्स या वाहन