चापड़ा (नदिया)। पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले में मादक पदार्थ जब्त करने को लेकर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राज्य पुलिस के बीच जबरदस्त टकराव हो गया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि बहस से मामला हाथापाई तक पहुँच गया। चश्मदीदों के मुताबिक, यह पूरा घटनाक्रम व्यस्त सड़क पर ही हुआ, जहां पुलिस और बीएसएफ अधिकारी आपस में भिड़ गए।
आरोप है कि बीएसएफ के कुछ जवानों ने पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की, जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हालात को काबू में लाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिसकर्मियों से मारपीट के आरोप में एक बीएसएफ जवान को हिरासत में लिया गया है। हालांकि, अब तक बीएसएफ या जिला पुलिस प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
सूत्रों के अनुसार, करीमपुर से कृष्णानगर जा रही एक बस में प्रतिबंधित खांसी की दवा फेंसिडिल की खेप लाई जा रही थी। रास्ते में किसी ने उन पेटियों को बस से उतार दिया। उत्सुक स्थानीय लोगों ने जब पेटियाँ खोलीं तो अंदर फेंसिडिल की बोतलें मिलीं। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस मौके पर पहुँचकर प्रतिबंधित दवा की पेटियाँ ज़ब्त करने लगी। उसी समय पास स्थित बीएसएफ कैंप के जवान भी वहां पहुँच गए। बीएसएफ अधिकारियों ने पुलिस को रोकने की कोशिश की, यह कहते हुए कि उनके पास पहले से ही गुप्त सूचना थी कि इस इलाके से फेंसिडिल की तस्करी होने वाली है। पुलिस और बीएसएफ दोनों पक्ष इस बात पर अड़ गए कि मादक पदार्थ की जब्ती कौन करेगा-और इसी से शुरू हुआ विवाद, जो धीरे-धीरे हाथापाई में बदल गया।
इस झड़प में तीन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि पुलिस ने एक बीएसएफ जवान को हिरासत में लिया है।
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “किसी ने आकर कुछ पेटियाँ सड़क किनारे छोड़ दीं। जब लोगों ने उन्हें खोला, तो अंदर फेंसिडिल मिला। पुलिस को सूचना दी गई, वे आए और पेटियाँ गाड़ी में लोड कर रहे थे तभी बीएसएफ जवान आ पहुंचे। फिर दोनों पक्षों में बहस और मारपीट हो गई। उसके बाद इलाके में तनाव फैल गया।”