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नौसेना को मिला ‘बाहुबली, पीएम मोदी ने नौसेना को सौंपा स्वदेशी आईएनएस विक्रांत, बोले- ये वॉरशिप नहीं समंदर पर तैरता शहर

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के लिए आज दिन अहम है। नौसेना में पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत शामिल हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में इसे देश को समर्पित कर दिया। कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किए. . .

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के लिए आज दिन अहम है। नौसेना में पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत शामिल हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में इसे देश को समर्पित कर दिया। कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किए गए इस विमान वाहक पोत के निर्माण में 20,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस पोत के आधिकारिक तौर पर शामिल होने से नौसेना की ताकत दोगुनी हो जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस खास मौके पर मौजूद थे। एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत दुनिया के दस सबसे ताकतवर विमानवाहक युद्धपोतों में शामिल है। एयरक्राफ्ट कैरियर मतलब समुद्र में तैरता एक एयरफोर्स स्टेशन हैं, जहां से आप फाइटर जेट्स, मिसाइलें, ड्रोन्स उड़ाकर अपने दुश्मनों से लड़ सकते हैं। एयरक्राफ्ट विक्रांत की कमीशनिंग समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘अमृतकाल’ के प्रारंभ में आईएनएस विक्रांत की कमीशनिंग अगले 25 वर्षों में राष्ट्र की सुरक्षा के हमारे मजबूत संकल्प को दर्शाती है। INS विक्रांत आकांक्षाओं और आत्मनिर्भर भारत का एक असाधारण प्रतीक है।
1. ये सशक्त भारत की शक्तिशाली तस्वीर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ये भारतीयों के लिए गर्व का मौका है। ये भारत की प्रतिभा का उदाहरण है। ये सशक्त भारत की शक्तिशाली तस्वीर है। ये अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है। ये बताता है कि ठान लो तो कुछ भी असंभव नहीं है। हम आज नए सूर्य के उदय के साक्षी बन रहे हैं। इसमें जितनी बिजली पैदा होती है। उससे 5 हजार घरों को रोशन किया जा सकता है। ये दो फुटबॉल ग्राउंड के बराबर है। केबल और वायर कोच्चि से शुरू होकर काशी तक पहुंच सकते हैं। ये जटिलता हमारे इंजीनियर्स की जीवटता का उदाहरण हैं।”
2. नौसेना का नया ध्वज शिवाजी को समर्पित
मोदी ने कहा- शिवाजी की समुद्री ताकत से दुश्मन कांपते थे। आज मैं नौ सेना नया ध्वज छत्रपति वीर शिवाजी महाराज को समर्पित करता हूं। ये नया ध्वज नौसेना के बल और आत्मसम्मान को बल देगा। अब तक नौसेना के झंडे पर गुलामी की तस्वीर थी। इस तस्वीर को हमने हटा दिया है।
3. INS विक्रांत ने भारत को नए भरोसे से भर दिया
मोदी ने कहा- विक्रांत विशाल है, ये खास है, ये गौरवमयी है। ये केवल वारशिप नहीं है। ये 21वीं सदी के भारत के कठिन परिश्रम, कौशल और कर्मठता का सबूत है। आज भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो अपनी तकनीक से ऐसे बड़े जहाज बना सकते हैं। आज INS विक्रांत ने भारतीयों को नए भरोसे से भर दिया है।
नए नौसेना ध्वज को जानिए
इंडियन नेवी को शुक्रवार को नया नौसेना ध्वज यानी निशान मिला। इसमें पहले लाल क्रॉस का निशान होता था। इसे हटा दिया गया है। अब बाईं ओर तिरंगा और दाईं ओर अशोक चक्र का चिह्न है। इसके नीचे लिखा है- शं नो वरुण: यानी वरुण हमारे लिए शुभ हों।
जानिए स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर की खासियत
स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत भारतीय नौसेना के इन-हाउस वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (WDB) द्वारा डिजाइन किया गया है। ये कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड और पोर्ट, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय के तहत मिलकर बनाया गया है। -विक्रांत को अत्याधुनिक ऑटोमेशन सुविधाओं के साथ बनाया गया है और भारत के समुद्री इतिहास में निर्मित अब तक का सबसे बड़ा जहाज है। -स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर का नाम शानदार पूर्ववर्ती, भारत के पहले विमान वाहक के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
-स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत में बड़ी मात्रा में स्वदेशी उपकरण और मशीनरी का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से अधिक एमएसएमई शामिल हैं। -विक्रांत के चालू होने के साथ, भारत के पास दो ऑपरेशनल एयरक्राफ्ट कैरियर होंगे, जो देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेंगे। -भारतीय नौसेना के अनुसार, 262 मीटर लंबे वाहक का पूर्ण विस्थापन लगभग 45,000 टन है जो कि उसके पूर्ववर्ती की तुलना में बहुत बड़ा और अधिक उन्नत है। – विक्रांत की खासियत के बारे में बोलते हुए वाइस एडमिरल हम्पीहोली ने कहा था, विक्रांत में लगभग 30 विमानों का मिश्रण है। यह मिग 29k लड़ाकू विमान को हवा-विरोधी, सतह-विरोधी और भूमि हमले की भूमिकाओं में उड़ा सकता है। यह कामोव 31 को संचालित करने में सक्षम होगा, जो हाल ही में एक प्रारंभिक वायु चेतावनी हेलीकॉप्टर है। -इसमें MH-60R को शामिल किया गया लेकिन अभी तक चालू नहीं किया गया है जो एक बहु-भूमिका हेलीकॉप्टर है और साथ ही हमारा स्वदेशी ALH भी है। यह लगभग 45,000 टन को विस्थापित करता है जो निश्चित रूप से भारतीय नौसेना सूची में सबसे बड़ा युद्धपोत है।”

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