नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों का धरना-प्रदर्शन जारी है। इसी बीच सोमवार को पंजाब से भारी संख्या में किसान जंतर-मंतर पहुंचे। किसानों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया। पहलवान पिछले एक महीने से WFI प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होनॆ सिंह पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने, उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने और WFI को तानाशाही तरीके से चलाने का आरोन लगाया है।
बता दें कि इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत रविवार को पहलवानों के समर्थन में जंतर-मंतर पहुंचे थे, जहां उन्होंने पहलवानों से मुलाकात की। टिकैत ‘खाप महम 24’ के प्रमुख मेहर सिंह और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बलदेव सिंह सिरसा पहलवानों के साथ मंच पर शामिल हुए और मीडिया को संबोधित किया।
पहलवानों का आरोप है कि बृजभूषण सिंह पर लगे आरोपों की जांच के लिए बनी कमेटी की रिपोर्ट जारी करने में सरकार की ओर से देरी की गई है। विरोध करने वाले पहलवान भी चाहते हैं कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख से उनका पद छीन लिया जाए।
बता दें कि कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गई है। पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है और पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज की गई है, साथ ही आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के साथ-साथ शील भंग आदि से संबंधित है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर एक तत्काल याचिका पर सुनवाई करते हुए निष्कर्ष निकाला कि प्राथमिकी दर्ज करने से विरोध करने वाले पहलवानों द्वारा दायर याचिका का उद्देश्य पूरा हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की निगरानी में जांच की याचिकाकर्ता की याचिका भी खारिज कर दी।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) केंद्र सरकार द्वारा लाए गए और बाद में वापस लिए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से अलग हुआ गुट है। एसकेएम कई किसान संगठनों का संयुक्त मोर्चा है।