नई दिल्ली। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराधों पर आज विशेष न्यायाधिकरण फैसला सुनाएगा, जिससे पूरे देश में तनाव चरम पर है। अभियोजन पक्ष ने हसीना के लिए मौत की सजा की मांग की है, जबकि राजधानी ढाका में पुलिस को हिंसक प्रदर्शनकारियों पर सीधे गोली चलाने का आदेश दिया गया है। इसी बीच, अवामी लीग के फेसबुक पेज पर जारी एक भावनात्मक ऑडियो संदेश में शेख हसीना ने जोरदार हमला बोलते हुए कहा, ‘मैं जिंदा हूं, जिंदा रहूंगी और देश के लोगों का साथ देती रहूंगी।’ उन्होंने अंतरिम सरकार पर उन्हें सत्ता से हटाने और पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है, जिससे राजनीतिक माहौल और गरमा गया है। अवामी लीग ने फैसले से पहले देशव्यापी बंद का आह्वान किया है।
फैसले से पहले हसीना का भावनात्मक संदेश
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) द्वारा फैसले से ठीक पहले, अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अवामी लीग के फेसबुक पेज पर एक भावनात्मक ऑडियो संदेश जारी किया है। इस संदेश में उन्होंने अपने समर्थकों को आश्वस्त करते हुए कहा, “मैं जिंदा हूं, जिंदा रहूंगी और देश के लोगों का साथ देती रहूंगी।” यह संदेश ऐसे समय में आया है जब उनके खिलाफ मौत की सजा की मांग की जा रही है और देश में तनाव का माहौल है। हसीना का यह बयान उनके समर्थकों में जोश भरने और मौजूदा अंतरिम सरकार के खिलाफ एकजुटता का आह्वान करने के उद्देश्य से दिया गया है।
अवामी लीग का देशव्यापी बंद का आह्वान
ट्रिब्यूनल के फैसले से पहले अवामी लीग ने राजनीतिक रूप से प्रेरित मुकदमों के खिलाफ सोमवार को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। शेख हसीना ने अपने संबोधन में पिछली रैलियों के लिए समर्थकों की सराहना की और उन्हें अंतरिम सरकार का सामना करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विरोध का आह्वान किया गया है और उम्मीद है कि जनता सूदखोरों, हत्यारों, आतंकवादियों, यूनुस और उसके साथ खड़े लोगों को यह दिखा देगी कि अवामी लीग को राजनीति से बाहर करना आसान नहीं है क्योंकि इसकी जड़ें बहुत गहरी हैं।
हसीना के लिए मौत की सजा की मांग
सोमवार यानी आज अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) 78 वर्षीय हसीना के खिलाफ फैसला सुनाएगा। यह सुनवाई उनकी गैरमौजूदगी में चली। अभियोजक गाजी MH तमीम ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने अदालत से हसीना को अधिकतम सजा, यानी मौत की सजा देने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही, दोषियों की संपत्ति जब्त कर उसे पिछले साल के प्रदर्शनों में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों में वितरित करने की मांग की गई है। तमीम ने कहा कि हसीना उच्चतम न्यायालय में तब तक अपील नहीं कर सकतीं जब तक वह आत्मसमर्पण न कर दें या गिरफ्तार न हो जाएं।