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बाबरी तर्ज पर मस्जिद उद्घाटन को लेकर बंगाल की राजनीति गरमाई : टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने दी चेतावनी; राज्यपाल बोस ने जताई कड़ी आपत्ति

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बागी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद का उद्घाटन करने की घोषणा ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। कबीर ने चेतावनी देते. . .

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बागी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद का उद्घाटन करने की घोषणा ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। कबीर ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि राज्य प्रशासन उनके कार्यक्रम को रोकने की कोशिश करता है तो बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, यहां तक कि हाईवे जाम करने की धमकी भी दे डाली। इस बीच राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ऐसे किसी भी आयोजन पर कड़ी नाराजगी जताई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्यपाल बोस ने कहा कि इंटेलिजेंस और फील्ड रिपोर्ट के मुताबिक मुर्शिदाबाद को “स्कैंडल के स्कूल” में बदलने की कोशिश हो रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बाबरी मस्जिद जैसी संरचना का उल्लेख कर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी और राज्य तथा संविधान केवल दर्शक बनकर नहीं रहेंगे।

मुख्य बातें

@ टीएमसी के बागी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद उद्घाटन की घोषणा से बंगाल की राजनीति में तनाव बढ़ा, राज्यपाल ने कार्यक्रम रोकने के संकेत दिए।
@ कबीर ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रशासन ने रोकने की कोशिश की तो हाईवे जाम होगा और व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा—राजभवन की आपत्तियों को बताया राजनीतिक।
@ राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद की बदलती डेमोग्राफी और संभावित सांप्रदायिक तनाव पर चिंता जताई, कहा—कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय।
@ 6 दिसंबर को प्रस्तावित उद्घाटन को विपक्ष ने राजनीतिक कदम बताया; टीएमसी ने कबीर से दूरी बनाई, जबकि जिला प्रशासन ने फिलहाल कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी है।

बंगाल की बदलती जनसांख्यिकी पर चिंता

राज्यपाल ने बंगाल की बदलती जनसांख्यिकी को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों से जनसांख्यिकीय असंतुलन का संकेत मिलता है, जिसे वह एक सुनियोजित साजिश मानते हैं। बोस ने आगे कहा कि हिंसा और भ्रष्टाचार पश्चिम बंगाल के दो बड़े “कैंसर” हैं, जिन्हें समाप्त करना आवश्यक है। विवाद की शुरुआत तब हुई जब हुमायूं कबीर, जो कांग्रेस, टीएमसी और भाजपा में रह चुके हैं तथा अब फिर टीएमसी में लौट आए हैं, ने घोषणा की कि 6 दिसंबर को वे बाबरी मस्जिद की तर्ज पर एक मस्जिद का उद्घाटन करेंगे। 6 दिसंबर का चयन राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जा रहा है, क्योंकि 1992 में इसी दिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराई गई थी। टीएमसी इस दिन को “संघर्ष दिवस” के रूप में मनाती है, जबकि विपक्ष इसे लेकर सरकार पर सवाल उठा रहा है।

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तृणमूल कांग्रेस ने किया किनारा

हालांकि, राज्यपाल द्वारा चिंता जताते हुए पत्र लिखे जाने के बाद टीएमसी ने कबीर से किनारा कर लिया है, लेकिन कबीर अपने रुख पर अड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि उनका कार्यक्रम संवैधानिक अधिकारों के तहत आयोजित किया जा रहा है और इसमें लाखों लोगों के शामिल होने की संभावना है। उन्होंने राज्यपाल की आपत्तियों को “राजनीतिक, आधारहीन और संवैधानिक दायरे से बाहर” बताया। मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन ने फिलहाल कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी है और कानून-व्यवस्था की समीक्षा जारी है। इस पर कबीर ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उन्हें रोका गया, तो रेज़िनगर से बेहरामपुर तक हाईवे अवरुद्ध कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “संदेश साफ है—आग से मत खेलो।”

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