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बिहार विधानसभा चुनाव का हो सकता है ऐलान ! मुख्य चुनाव आयुक्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस आज

पटना। आज दोपहर 2 बजे पटना में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। उनके साथ चुनाव आयुक्त एस एस संधु और विनीत जोशी भी मौजूद रहेंगे। चुनाव आयोग के बिहार दौरे का आज आखिरी दिन है। कल. . .

पटना। आज दोपहर 2 बजे पटना में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। उनके साथ चुनाव आयुक्त एस एस संधु और विनीत जोशी भी मौजूद रहेंगे। चुनाव आयोग के बिहार दौरे का आज आखिरी दिन है। कल यानी 4 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने 12 राजनीतिक दलों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में राजनीतिक दलों ने चुनाव को छठ महापर्व के बाद कराए जाने की मांग की है। वहीं कई दलों ने बिहार चुनाव को कम से कम फेज में कराने की मांग की है। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बारे में बताया जा रहा है कि ये 6 अक्टूबर या उसके बाद कभी भी किया जा सकता है।

बिहार में एक करोड़ लोगों के सुझावों से बनेगा भाजपा का घोषणा पत्र: प्रेम कुमार

बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा मेनिफेस्टो कमिटी के सदस्य प्रेम कुमार ने शनिवार को बताया कि जल्द ही बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होगी। इससे पहले पार्टी ने अपना चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने का फैसला किया है। इसके लिए प्रदेश के एक करोड़ से अधिक लोगों से सुझाव लिए जाएंगे और इन सुझावों को घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। प्रेम कुमार ने कहा कि घोषणा पत्र जारी करने से पहले पार्टी सुझाव अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 5 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। घोषणा पत्र जारी करने से पहले पार्टी ने पूरे प्रदेश में लगभग एक करोड़ से अधिक लोगों से सुझाव एकत्रित करने का निश्चय किया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए लगभग 3 हजार से अधिक सुझाव पेटियां 243 विधानसभा क्षेत्रों के प्रमुख स्थानों पर रखी जाएंगी, जिसमें लोग अपना सुझाव दे सकेंगे। सुझाव पेटियां हर चौक-चौराहे, स्टेशन, बस स्टैंड, मॉल और बाजार में रखी जाएंगी। मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि इसके अलावा, आज के इस तकनीकी युग में लोगों से मिस्ड कॉल एवं ईमेल के माध्यम से भी सुझाव एकत्रित किए जाएंगे। इस अभियान से लोगों को जुड़ने के लिए विभिन्न जिलों में रथ रवाना किया जाएगा। इसके अलावा, एक वेबसाइट की भी लॉन्चिंग की जाएगी।

बिहार में बरस रहा है विकास: शिवराज सिंह चौहान

बिहार की राजधानी पटना में लगातार हो रही बारिश के बीच शनिवार को पटना पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बिहार में विकास भी बरस रहा है और सौगातें भी बरस रही हैं।पटना में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार में बदरा भी बरस रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जो बिहार को सौगातें दी हैं, वे अद्भुत और अभूतपूर्व हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विकास की ऐसी गंगा बहाई है, जो पूरी दुनिया में एक मिसाल है। आज बिहार में मखाना महोत्सव की भी शुरुआत हो रही है। यह सिर्फ उत्सव नहीं है। मखाना महोत्सव बिहार में निवेश और रोजगार के लिए एक नया अवसर है। उन्होंने बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की चर्चा करते हुए कहा कि मखाना बोर्ड का गठन हो चुका है। उनके लिए प्रधानमंत्री ने 400 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है। मखाना का उत्पादन बढ़ाना है और मखाना उत्पादन में लागत घटानी है। हम ऐसे बीज बना रहे हैं, जिससे कम गहरे पानी में भी मखाना की खेती की जा सके। मखाना निकालना हो तो पानी में डूबना न पड़े। मशीनी उपयोग की व्यवस्था की भी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि मखाने की मार्केटिंग, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और निर्यात सबकी व्यवस्था का इसमें प्रावधान है। लेकिन केवल मखाना ही नहीं है। बिहार में आज जो हो रहा है, वह लोग देख रहे हैं। कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि बिहार में युवाओं, महिलाओं, किसानों और गरीबों का सशक्तीकरण हो रहा है। यह सब देखकर विपक्ष परिवारवाद और कुर्सीवाद में उलझ गया है। किडनी देने वाली बेटी का भी तिरस्कार हो रहा है। यहां महाभारत मचा हुआ है। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि बिहार में इस बार फिर रिकॉर्ड तोड़ बहुमत से एनडीए की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी कुंठा देश में नहीं, विदेशों में निकल रही है। वे विदेश में जाकर देश को बदनाम करने का पाप और अपराध कर रहे हैं। जो देश को दुनिया में बदनाम करते हैं, उन्हें जनता स्वीकार नहीं करती।

छठ के तुरंत बाद एक चरण में कराया जाए बिहार विधानसभा चुनाव: संजय झा

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की टीम और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में जदयू ने एक चरण में चुनाव कराने की मांग रखी है। जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने बैठक से निकलने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि जदयू ने चुनाव आयोग से बिहार में एक चरण में चुनाव कराने का आग्रह किया है। ‎ ‎उन्होंने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति दुरुस्त है, नक्सलवाद की समस्या नहीं है। जब महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव हो सकता है तो बिहार में क्यों नहीं हो सकता? उन्होंने कहा कि इससे खर्च भी कम होगा और परेशानी भी कम होगी। बिहार एक चरण में चुनाव कराने के लिए पूरी तरह तैयार है। जदयू नेता संजय कुमार झा ने कहा कि एसआईआर को लेकर भी हमारी पार्टी ने चुनाव आयोग को बेहतर काम करने के लिए बधाई दी। इस प्रक्रिया में फर्जी मतदाताओं को हटाया गया। इस मामले में बिहार पूरे देश को रोशनी दिखाएगा। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने सभी मतदान केंद्रों में पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की मांग रखी है। इसके अलावा, हमारी पार्टी ने चुनाव आयोग को सुझाव दिया कि महापर्व छठ में बहुत सारे बाहर रहने वाले लोग भी अपने गांव आते हैं। उनके लिए भी यह सुविधा होगी कि छठ के बाद जितना जल्दी चुनाव कराया जाए।

छठ के तुरंत बाद कम से कम चरणों में विधानसभा चुनाव कराएं

बिहार में राजनीतिक दलों ने शनिवार को निर्वाचन आयोग से कहा कि राज्य में छठ पूजा के तुरंत बाद विधानसभा चुनाव कराए जाएं, ताकि मतदाताओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद मिल सके।बिहार में दिवाली के बाद मनाए जाने वाले छठ पर्व का बहुत महत्व है। यह पर्व इस साल 25 से 28 अक्टूबर के बीच मनाया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त एसएस संधू तथा विवेक जोशी के साथ बातचीत में छह राष्ट्रीय और इतनी ही राज्य स्तरीय पार्टियों के प्रतिनिधियों ने कम से कम चरणों में चुनाव कराने पर भी जोर दिया। निर्वाचन आयोग के अधिकारी बिहार में चुनाव से जुड़ी तैयारियों का जायजा लेने के लिए पटना की दो दिन की यात्रा पर हैं। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। पहले चरण का चुनाव छठ के तुरंत बाद अक्टूबर के अंत में होने की संभावना है। दिवाली और छठ के दौरान, बिहार से बाहर नौकरी करने वाले अधिकांश लोग त्योहार मनाने के लिए घर लौटते हैं और ऐसा माना जाता है कि मतदाताओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए चुनाव कराने का यह सबसे अच्छा समय है।

पारदर्शिता के साथ निभाएं चुनावी प्रक्रिया में भूमिका: निर्वाचन आयोग

पटना: निर्वाचन आयोग ने शनिवार को बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनके सुझाव और अपेक्षाओं पर चर्चा की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ विवेक जोशी भी उपस्थित थे। आयोग ने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे लोकतंत्र की आधारशिला होने के नाते पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया में हर कदम पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और चुनाव के पर्व को सौहार्द्रपूर्ण माहौल में मनाने के साथ मतदाताओं का सम्मान करें। आयोग ने दलों को याद दिलाया कि चुनाव की पारदर्शिता का अनुभव कराने के लिए वे प्रत्येक बूथ पर अपने पोलिंग एजेंटों की नियुक्ति करना न भूलें। उसने हाल में मतदाता सूची में सुधार के लिए चलाए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को ऐतिहासिक, पारदर्शी और ठोस कदम बताते हुए दलों की सक्रिय भागीदारी के लिए आभार जताया। आयोग ने कहा कि मतदाता केंद्र पर अधिकतम 1,200 मतदाताओं की संख्या निर्धारित करने के लिए भी राजनीतिक दलों ने सराहना की है। साथ ही, बिहार में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए दलों की ओर से छठ पर्व के तुरंत बाद चुनाव कराने की मांग की गई और कम से कम चरणों में मतदान कराने का सुझाव दिया गया। निर्वाचन आयोग ने बताया कि हाल के दिनों में उठाए गए नए कदम, जैसे डाक मतपत्र की गिनती और फॉर्म 17सी से जुड़े प्रावधानों को व्यापक समर्थन मिला है। आयोग ने स्पष्ट किया कि सभी दलों ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव संपन्न कराने को लेकर आयोग पर पूरा विश्वास जताया है और चुनाव को सफल बनाने में सहयोग का आश्वासन दिया है।

पटना: चुनाव आयोग ने 12 दलों के साथ की बैठक

चुनाव आयोग के साथ बैठक में हिस्सा लेने वाले 12 राजनीतिक दलों में भाजपा और कांग्रेस के अलावा जदयू, राजद, आम आदमी पार्टी, बसपा, सीपीआईएम, एनपीपी, सीपीआईएमएल, एलजेपी (रामविलास), आरएलजेपी और आरएलजेपी शामिल थे। आयोग के अनुसार, राजनैतिक दलों ने मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए एसआईआर के ऐतिहासिक, पारदर्शी और दृढ़ कदम उठाने के लिए धन्यवाद किया। सभी ने चुनावी प्रक्रिया के प्रति अपनी पूरी निष्ठा और विश्वास को दोहराया। राजनीतिक दलों ने मतदान केंद्र पर 1,200 मतदाताओं की अधिकतम संख्या निर्धारित करने के लिए आयोग का धन्यवाद किया। इसके अलावा, उन्होंने बिहार के मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए छठ पर्व के तुरंत बाद चुनाव कराने की मांग की और चुनाव को कम से कम चरणों में कराने का सुझाव दिया। बैठक में चुनाव आयोग की ओर से हाल ही में उठाए गए कई नए कदमों, जैसे पोस्टल वोटों की गिनती एवं फॉर्म 17सी संबंधी प्रावधानों की व्यापक सराहना की गई। सभी दलों ने चुनाव आयोग पर अपना पूर्ण विश्वास व्यक्त किया। इसके साथ ही, उन्होंने स्वतंत्र, निष्पक्ष और पूर्णतः पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग में पूरा विश्वास जताया।