नई दिल्ली। बांग्लादेश में शुक्रवार की सुबह शक्तिशाली भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.7 मापी गई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इसमें कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए हैं। भूकंप का केंद्र ढाका से लगभग 25 किलोमीटर दूर नरसिंगडी जिले के घोराशाल क्षेत्र में था। इस झटके ने न केवल बांग्लादेश, बल्कि भारत के कई हिस्सों में भी लोगों के बीच दहशत फैला दी।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार भूकंप के झटके सुबह 10:38 बजे महसूस किए गए. इसकी गहराई 10 किलोमीटर नीचे थी. इतनी कम गहराई वाले भूकंप अक्सर ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिसका असर ढाका में साफ दिखा।
ढाका में इमारतों को नुकसान
स्थानीय चैनल DBC की जानकारी के अनुसार एक इमारत की दीवार और छत का हिस्सा गिरने से 3 लोगों की मौत हो गई। पुल की रेलिंग टूटने से 3 पैदल यात्री दबकर मारे गए। कई दूसरे लोग अलग-अलग स्थानों पर घायल हुए। कई सेकंड तक महसूस किए गए झटकों ने पूरे शहर में अफरा-तफरी मचा दी। लोग अपने घर, दफ्तर और दुकानों से बाहर निकलकर सड़कों पर जमा हो गए।
मध्य बांग्लादेश में कम आते भूकंप
USGS के अनुसार, बांग्लादेश के उत्तर और दक्षिण-पूर्वी हिस्से भूकंप-सेंसिटिव जोन माने जाते हैं, क्योंकि यह क्षेत्र भारत और यूरेशिया प्लेटों के जोन में आता है। हालांकि, मध्य बांग्लादेश में इस तरह के तेज भूकंप कम देखने को मिलते हैं।यही कारण है कि विशेषज्ञ भी इस भूकंप की लोकेशन और तीव्रता से आश्चर्य में हैं।
भारत में भी महसूस हुए झटके
भारत के कई इलाकों में भी कंपन महसूस किए गए, जिन क्षेत्रों में झटके महसूस किए गए. इनमें कोलकाता के गुवाहाटी, त्रिपुरा और मेघालय के कुछ हिस्से शामिल है। कोलकाता में कई लोग घबराकर इमारतों से बाहर निकल गए।
क्यों बढ़ रहा है इस क्षेत्र में भूकंप का खतरा?
पिछले कुछ समय में दक्षिण एशिया में भू-गतिविधि लगातार बढ़ रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि भारत–यूरेशिया प्लेट की लगातार टक्कर,सिलहट–मेघालय की सक्रिय फॉल्ट लाइन्स और बंगाल बेसिन की भू-संरचना आने वाले समय में भी इस क्षेत्र में भूकंप के जोखिम बढ़ा सकती हैं।
इमारत की दीवार और छत का हिस्सा गिरने से 3 लोगों की मौत हो गई। पुल की रेलिंग टूटने से 3 पैदल यात्री दबकर मारे गए। कई दूसरे लोग अलग-अलग स्थानों पर घायल हुए. कई सेकंड तक महसूस किए गए झटकों ने पूरे शहर में अफरा-तफरी मचा दी. लोग अपने घर, दफ्तर और दुकानों से बाहर निकलकर सड़कों पर जमा हो गए।