सिलीगुड़ी। उत्तरबंगाल में लगातार मूसलधार बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है । तिस्ता, जलढाका और तोर्षा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, जिसके कारन लाल चेतावनी जारी किया गया है। भारी बारिश के चलते दूधिया पुल पूरी तरह से टूट चुका है, जिससे सिलीगुड़ी और मिरिक के बीच सीधा संपर्क पूरी तरह से कट गया है। ऋषिखोला और पदोन्ग इलाके में धसक गई सड़कों के चलते यातायात पूरी तरह बाधित हुआ है।
एक के बाद एक मौत की खबरें
लगातार हो रही बारिश के चलते पहाड़ी इलाकों में धसाव और भूस्खलन से कई लोगों की जान चली गई है। पूरे इलाके में आपदा जैसी स्थिति। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नबन्ना में एक इमरजेंसी कंट्रोल रूम खोलने का आदेश दिया है। रात के बाद, यानी रविवार সকালে, मुख्यमंत्री खुद उत्तरबंगाल पहुंचेंगी। वहां वे प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी और स्थानीय प्रशासन, जीटीए और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक করে राहत कार्यों की समीक्षा करेंगी।
उत्तरबंगाल में कहां कितनी बारिश हुई? (पिछले 24 घंटे में)
स्थान | जिला | वर्षा (मिलीमीटर में) |
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कूर्ती | जलपाईगुड़ी | 370 मिमी |
डायना | जलपाईगुड़ी | 344 मिमी |
बनारहाट | जलपाईगुड़ी | 310 मिमी |
गजलडोबा | जलपाईगुड़ी | 302 मिमी |
मेखलिगंज | कोचबिहार | 264 मिमी |
दार्जिलिंग | दार्जिलिंग | 261 मिमी |
नेओरा | जलपाईगुड़ी | 245 मिमी |
लावा | कालिम्पोंग | 202 मिमी |
बिजनबाड़ी | दार्जिलिंग | 154 मिमी |
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, कोचबिहार और कालिम्पोंग जिलों में रिकॉर्ड स्तर की बारिश हो रही है, जिससे नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
टूटी सड़कें, बाधित यातायात
कई सड़के टूट चुकी है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। दूधिया का पुल टूट जाने से शिलिगुड़ी-मिरिक मार्ग पूरी तरह ठप हो गया है। ऋषिखोला और पदोन्ग की कई सड़कों पर भूस्खलन और पानी भराव के कारण रास्ते बंद। दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, सिलीगुड़ी के कई हिस्सों से संपर्क टूटने की आशंका।
राहत और बचाव कार्यों को तेज़
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मुख्य सचिव मनोज पंथ से आग्रह किया कि वे तुरंत राहत और बचाव कार्यों को तेज़ करें।
उनका कहना है, “राज्य सरकार को लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए। हर घंटे हालात बिगड़ते जा रहे हैं।”
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने बताया है कि अगले 48 घंटे तक उत्तरबंगाल में भारी से अति भारी वर्षा जारी रह सकती है। इस कारण स्थिति और भी भयावह हो सकती है। लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
प्रशासन की तैयारी
नबन्ना से राहत व आपदा प्रबंधन के लिए कंट्रोल रूम 24 घंटे चालू। हर जिले में डिजास्टर मैनेजमेंट टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। त्राण शिविर (राहत कैंप) बनाए जा रहे हैं। खाद्य, जल, दवा और जरूरी सामग्री की आपूर्ति शुरू की गई है।