जलपाईगुड़ी। रामपुरहाट हिंसा घटना के बाद से भाजपा में तृणमूल कांग्रेस नेताओं के बीच तकरार और तेज हो गई है। संसद और विधानसभा से लेकर सड़कों तक दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे पर हमला बोलने और आरोप प्रत्यारोप लगाने से बाज नहीं आ रहे है। इस बीच जलपाईगुड़ी जिले के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विधानसभा में 28 मार्च को भाजपा विधायकों पर हुए हमले के विरोध में आज कोतवाली थाने के गेट के बाहर धरना दिया। इस दौरान गुरुवार को थाने के सामने भाजपा के जिला सचिव तृणमूल नेताओं और पुलिस को धमकत हुए नज़र आये। थाने के सामने खड़ा होकर सरेआम माइक के द्वारा उन्होंने तृणमूल नेताओं और पुलिस को धमकाया। उन्होंने ने कहा,”हम बदलेंगे, हम बदला लेंगे, मैं पुलिस से कह रहा हूं कि आपके नाम पर केस होगा और आपके परिवार के खिलाफ भी केस करूंगा। ”
साथ ही साथ उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन ने उनके कार्यकर्ताओं को बिना अपराध के हिरासत में लिया है और रामपुरहाट घटना में राज्य सरकार की भूमिका है।
दूसरी ओर इस घटना को लेकर जलपाईगुड़ी जिला युवा तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष सैकत चटर्जी ने कहा कि “बकरियों से खेत जुताई नहीं की जाती है। बीजेपी के बारे में कुछ कहने का मतलब है समय बर्बाद करना, क्योंकि राज्य में इस पार्टी का कोई जनाधार ही नहीं है। “आपको बता दें कि सोमवार को राज्य विधानसभा का बजट सत्र के दौरान तृणमूल कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच हाथापाई हुई थी।
टीएमसी और भाजपा के विधायकों ने बीरभूम हिंसा मामले को लेकर तीखी झड़प के बाद एक दूसरे पर घूसे बरसाए थे, जिसके बाद अध्यक्ष ने विपक्ष के नेता शुभेन्दु अधिकारी सहित पांच भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया था।