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भारत का नया सुरक्षा कवच मिशन सुदर्शन चक्र की शुरुआत : दुश्मनों का बनेगा काल, ISRO और न्यूक्लियर प्लांट्स की बनेगा ढाल

नई दिल्ली : भारत के दुश्मनों का काल कहे जा रहे मिशन सुदर्शन चक्र की शुरुआत हो गई है। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने एक प्रेजेंटेशन के साथ ही इसकी शुरुआत हो गई है।. . .

नई दिल्ली : भारत के दुश्मनों का काल कहे जा रहे मिशन सुदर्शन चक्र की शुरुआत हो गई है। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने एक प्रेजेंटेशन के साथ ही इसकी शुरुआत हो गई है। इसके लिए एक समिति का गठन भी किया गया है। बता दें कि मिशन सुदर्शन चक्र ISRO के साथ-साथ भारत के न्यूक्लियर प्लांट्स को अभेद बना देगा।

क्या है मिशन सुदर्शन चक्र?

दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत पर कई मिसाइलें दागने की कोशिश कीं। पाकिस्तान के इस प्रयास को भारत के S-400 ने नाकाम कर दिया। इसके बाद से ही एक सुदर्शन चक्र सुरक्षा कवच बनाने को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थीं। पीएम मोदी ने इसका ऐलान भी किया था। इसके तहत 2035 तक सभी सार्वजनिक स्थानों को एक सुरक्षा कवच से ढका जाएगा।

मिशन की खासियतें

मिशन सुदर्शन चक्र में Precise Target System यानी सटीक निशाना साधने की तकनीक होगी. इसमें अत्याधुनिक हथियार और आधुनिक युद्ध क्षमता शामिल होगी, जिससे न सिर्फ दुश्मन को रोका जाएगा बल्कि ज्यादा ताकत से जवाब दिया जाएगा. यह सिस्टम भारत की रक्षा क्षमता को नए स्तर पर ले जाएगा.
प्रधानमंत्री ने बताया कि साल 2035 तक रेलवे स्टेशन, अस्पताल, धार्मिक स्थलों और अन्य महत्वपूर्ण जगहों को राष्ट्रीय सुरक्षा कवच के अंदर लाया जाएगा. इसका मतलब है कि यह सुरक्षा सिर्फ सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आम जनता के रोजमर्रा के स्थानों पर भी होगी. यह कवच समय के साथ और मजबूत और बड़ा होता जाएगा.

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता

मोदी ने भाषण में यह भी कहा कि भारत को अपने लड़ाकू विमानों के लिए खुद का इंजन बनाना होगा. उन्होंने साफ कहा कि “हमारे जेट विमानों को मेड इन इंडिया इंजन से उड़ना चाहिए“. यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका से GE इंजन की सप्लाई में देरी हो रही है. यह देरी तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमानों के उत्पादन को प्रभावित कर रही है और भारत में रक्षा आपूर्ति श्रृंखला की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रही है.

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

प्रधानमंत्री के इन ऐलानों से साफ है कि भारत अब महत्वपूर्ण रक्षा तकनीक के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहता. मिशन सुदर्शन चक्र और स्वदेशी फाइटर जेट इंजन दोनों ही आत्मनिर्भर भारत के बड़े कदम हैं. इससे भारत की सैन्य ताकत और सुरक्षा नीति में बड़ा बदलाव आएगा.