जयपुर: राजस्थान सरकार की हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी है, जिनमें सबसे बड़ी राहत मेडिकल शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी है। अब प्रदेश के राजमेस मेडिकल कॉलेजों में NRI कोटा की फीस को तर्कसंगत बनाते हुए घटा दिया गया है। पहले जहां इन सीटों की फीस ₹31 लाख तक पहुंच चुकी थी, वहीं अब यह घटकर लगभग ₹23.93 लाख प्रतिवर्ष हो गई है। इस फैसले से न सिर्फ विद्यार्थियों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि राज्य सरकार को भी अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। आइए जानते हैं इस नई व्यवस्था का पूरा स्ट्रक्चर और इसके पीछे का तर्क।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में आज सचिवालय में आयोजित हुई मंत्रिमंडल की अहम बैठक में प्रदेश के विकास को नई दिशा देने वाले कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। खेल, शिक्षा, चिकित्सा, ऊर्जा और प्रशासनिक सुधारों से जुड़ी ये घोषणाएं न केवल युवाओं के लिए सुनहरा भविष्य तैयार करेंगी, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था को भी मजबूत करेंगी।
जयपुर में खुलेगा महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, मिलेगा वैज्ञानिक प्रशिक्षण
राजस्थान सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, जयपुर’ की स्थापना का रास्ता साफ कर दिया है। कैबिनेट ने विश्वविद्यालय से जुड़े विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दे दी है, जिसे आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा।
यह यूनिवर्सिटी आधुनिक खेल विज्ञान, टेक्नोलॉजी और परफॉर्मेंस एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में शोध को बढ़ावा देगी। खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण, अत्याधुनिक सुविधाएं और विशेषज्ञ कोचिंग मिलेगी। इसे ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित किया जाएगा, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप कार्य करेगा।
राजमेस मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटा की फीस में भारी कटौती
मेडिकल शिक्षा को अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसाइटी (RAJMES) के कॉलेजों में एनआरआई सीटों की फीस घटाने का निर्णय लिया है।
अब NRI कोटा की फीस को मैनेजमेंट कोटा की फीस के 2.5 गुना तक सीमित कर दिया गया है। इससे सीटों की सालाना फीस घटकर लगभग ₹23.93 लाख रह जाएगी, जो पहले ₹31 लाख के पार थी। यह बदलाव मेडिकल कॉलेजों में विदेशी छात्रों की रुचि बढ़ाएगा और राजमेस को सालाना लगभग ₹45 करोड़ की अतिरिक्त आय हो सकती है।
5,200 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं को जमीन आवंटन की मंजूरी
पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में राज्य सरकार ने 5,200 मेगावाट की क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सशर्त भूमि आवंटन को स्वीकृति दी है। इससे राज्य में नवीनीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को गति मिलेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।