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राम मंदिर पर ध्वज फहराता देख बौखलाया पाकिस्तान, यूएन से क्या मांग करने लगा ?

नई दिल्ली। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा स्थापित होने के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर गहरी. . .

नई दिल्ली। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा स्थापित होने के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उसने कहा है कि भारत में मुसलमानों की सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक अल्पसंख्यकों को खतरे में डाला जा रहा है। पाकिस्तान ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने और संयुक्त राष्ट्र (UN) से हस्तक्षेप की अपील भी की है।

अयोध्या राम मंदिर के ध्वज पर पाकिस्तान की नौटंकी

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भारतीय सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद हुआ है। मंदिर का निर्माण पूरा होने पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर को मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज स्थापित किया। इस धार्मिक और ऐतिहासिक घटना पर पाकिस्तान भड़क उठा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इसे ‘इस्लामोफोबिया’ और ‘हेट स्पीच’ से जोड़ दिया है।

भारत में अल्पसंख्यक विरासत पर झूठे आरोप

पाकिस्तान, जो अपने ही देश में हिंदू, ईसाई और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने में पूरी तरह नाकाम रहा है, उसने भारत पर उंगली उठाई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने झूठे दावे करते हुए कहा है कि राम मंदिर पर ध्वजारोहण की घटना भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव के एक बड़े पैटर्न को दिखाती है। उसने यह भी आरोप लगाया कि हिंदुत्व की विचारधारा के प्रभाव में मुस्लिम सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को जानबूझकर खत्म करने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने बाबरी मस्जिद को सदियों पुरानी ऐतिहासिक इबादतगाह बताते हुए, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नजरअंदाज किया।

पाकिस्तान का खोखला प्रोपेगेंडा

पाकिस्तान का यह प्रोपेगेंडा पूरी तरह से खोखला और वाहियात है। जिस पाकिस्तान में सैकड़ों साल पुराने शारदा पीठ, जाग नाथ मंदिर और मोहन मंदिर जैसे हिंदुओं के धार्मिक स्थल या तो विलुप्त होने की कगार पर हैं या उन पर अवैध कब्जा है, उस देश की सरकार भारत को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का उपदेश दे रही है। यह उसकी दोहरी नीति को दर्शाता है। पाकिस्तान ने यहां तक दावा किया है कि भारतीय मुसलमानों के साथ तेजी से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक भेदभाव किया जा रहा है।

UN और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से अपील

अपनी बेशर्मी की हदें पार करते हुए पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र (UN) से अपील की है। उसने कहा है कि वे भारत में कथित रूप से बढ़ते इस्लामोफोबिया, हेट स्पीच और नफरत की बुनियाद पर हो रहे हमलों पर ध्यान दें। पाकिस्तान ने UN से मांग की है कि वह भारत में इस्लामिक विरासत को सुरक्षित रखने में अपनी भूमिका निभाए और अल्पसंख्यकों के धार्मिक तथा सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करे।
यह अपील ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान ने हाल ही में अफगानिस्तान की सीमा में हमला कर 9 मासूम अफगानी बच्चों की जान ले ली थी। एक देश जो खुद मानवता और मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है, उसका भारत को उपदेश देना केवल अपना एजेंडा पूरा करने की कोशिश है।

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