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विदेशी फंडिंग, पाकिस्तान से कनेक्शन, लद्दाख हिंसा में गिरफ्तार सोनम वांगचुक के खुलेंगे सारे राज, लद्दाख डीजीपी ने बताया क्यों हुए अरेस्ट ?

डेस्क। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के की मांग के सोनम वांगचुक अनशन पर बैठे थे, लेकिन उनके आंदोलन के 15वें दिन भड़की हिंसा के बाद उन्हें अरेस्ट किया गया है। वांगचुक को जोधपुर जेल भेजा गया है।. . .

डेस्क। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के की मांग के सोनम वांगचुक अनशन पर बैठे थे, लेकिन उनके आंदोलन के 15वें दिन भड़की हिंसा के बाद उन्हें अरेस्ट किया गया है। वांगचुक को जोधपुर जेल भेजा गया है। लेह में क्यों हिंसा भड़की और क्यों गोली चलानी पड़ी इस पर लद्दाख के डीजीपी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि वांगचुक का पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया है।

सोनम वांगचुक की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

श्रीनगर: लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के आंदोलन चला रह पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनकी भूख हड़ताल के दौरान लेह में हिंसक प्रदर्शनों के बाद उन्हें अरेस्ट करके जोधपुर जेल भेज दिया गया है, तो वहीं दूसरी तरफ अब लद्दाख के डीजीपी ने बड़ा बयान दिया हैं। उन्होंने कहा है कि सोनम वांगचुक के पाकिस्तानी लिंक की जांच की जा रही है। लद्दाख के डीजीपी ने बताया है कि सोनम वांगचुक को क्यों गिरफ्तार किया गया। लद्दाख के डीजीपी के अनुसार 24 सितंबर की हिंसा में 17 सीआरपीएफ जवान और 70 से ज़्यादा नागरिक घायल हुए हैं। डीजीपी ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि पाकिस्तान का PIO साेनम वांगचुक के संपर्क में था। उसे अरेस्ट किया गया है।

रडार पर वांचगुक की विदेश यात्राएं

लद्दाख के पुलिस महानिदेशक एसडी सिंह जामवाल ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का सही ठहराय है। उन्होंने कहा है कि उनके विरोध मंच ने हिंसा को भड़काने का मौका दिया गया। जामवाल ने कहा कि जांचकर्ता संभावित पाकिस्तानी संबंध की जांच कर रहे हैं। डीजीपी ने मीडिया से बातचीत में वांगचुक की सीमा पार की पिछली यात्राओं और इस्लामाबाद स्थित अधिकारियों के साथ कथित बातचीत का हवाला दिया। डीजीपी ने दावा किया कि यह सुनियोजित प्लान था। उन्होंने कहा कि तनाव को रोकने के लिए सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी जरूरी थी। डीजीपी ने कहा कि सरकार पहले से ही लेह सर्वोच्च निकाय और केडीए के साथ काम कर रही है, लेकिन पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक छठी अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा मांग रहे हैं, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया में बाधाएं पैदा हो रही हैं और बाधित हो रही हैं। डीजीपी ने कहा कि जब से लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना है, तब से यहां छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा देने की राजनीतिक मांग उठ रही है।

डीजीपी बोले, वांगचुक के संपर्क में था पीओ

डीजीपी ने कहा कि लेह सर्वोच्च निकाय और केडीए ने सरकार के साथ लंबी बातचीत की है। यह एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन इस प्रक्रिया को विफल करने और बिगाड़ने के प्रयास भी किए जा रहे थे। पर्यावरण कार्यकर्ता और उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगे ऐसे ही अन्य समूहों ने इस मंच को हाईजैक करने का प्रयास किया। भूख हड़ताल को एक ऐसा मंच बना दिया गया जहां शांति और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के लिए तत्वों को आमंत्रित किया गया। 25-26 सितंबर को दिल्ली में प्रारंभिक वार्ता की योजना पहले ही बनाई जा चुकी थी। डीजीपी ने कहा कि एक पाकिस्तानी पीआईओ को गिरफ्तार किया गया है। इसकी जांच चल रही है। डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तानी पीआईओ वांगचुक के संपर्क में था। उन्हें रिपोर्ट कर रहा था। हमारे पास इसका रिकॉर्ड है। वह पाकिस्तान में डॉन के एक कार्यक्रम में शामिल हुआ था। वह बांग्लादेश भी गया था। इसलिए, उस पर एक बड़ा सवालिया निशान है। जांच की जा रही है।

क्या लेह में चलानी पड़ी गोली?

डीजीपी ने कहा कि सोनम वांगचुक का भड़काने का इतिहास रहा है। उन्होंने अरब स्प्रिंग, नेपाल और बांग्लादेश का ज़िक्र किया है। उन्होंने कहा कि एफसीआरए उल्लंघन के लिए उनके वित्तपोषण की जांच चल रही है। 5000-6000 लोगों के समूह ने सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाया गय। डीजीपी ने कहा कि बुधवार को लेह में भीड़ जमा हो गई, जबकि केंद्र सरकार के साथ अगले कुछ दिनों में दिल्ली में बातचीत पहले से तय थी। उन्होंने दावा किया कि सीआरपीएफ जवानों को बेरहमी से पीटा गया।इसमें एक जवान अभी भी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट के साथ अस्पताल में भर्ती है। आग लगने के समय उसी इमारत में 4 महिला पुलिसकर्मी मौजूद थीं। आत्मरक्षा में गोलीबारी की गई और 4 लोगों की जान चली गई। उन्होंने आगे कहा कि 70-80 सुरक्षाकर्मी और इतनी ही संख्या में नागरिक घायल हुए, जिनमें एक लड़की भी शामिल है जिसे एयरलिफ्ट करके दिल्ली ले जाना पड़ा। डीजीपी ने बताया कि मेरे ऊपर भी हमला हुआ था, लेकिन मैं सौभाग्य से बच गया।