कूचबिहार। माली हालत बेहद खराब होने के कारण एक 14 वर्षीय किशोर झालमुड़ी बेच कर अपने माता-पिता और भाई-बहनों का भरण-पोषण कर रहा है। उसका नाम रूपेश बर्मन और और वह सातवीं कक्षा में पढ़ता है। वह पढ़ाई के साथ रसिकबिल जू पर्यटन केन्द्र के पास झालमुढ़ी बेचता है।
कूचबिहार के तूफानगंज दो नम्बर ब्लॉक के सालबाड़ी एक नम्बर ग्राम पंचायत के रसिकबिल पर्यटन केन्द्र से सटे दक्षिण चेंटीमारी जूनियर हाईस्कूल में वह पढ़ता है। उसके परिवार में माता-पिता और भाई-बहन हैं। उसके पिता मछली पकड़ते हैं,लेकिन उससे परिवार चलाना बहुत मुश्किल होता है। बाध्य होकर परिवार के चेहरे पर खुशी लाने के लिए वह साइकिल से झालमुढ़ी बेचने लगा। उनके घर में बिजली भी नहीं है। वह पड़ोसी के मोबाइल पर आनलाइन क्लास करता है। वह झालमुढ़ी बेच कर दिन में 250-250 रुपए कमा लेता है। जिस उम्र में बच्चे माता-पिता के साथ घूमने जाते हैं, उस उम्र में वह काम कर रहा है, यह देख कर उसका मन खराब हो जाता है लेकिन माता-पिता और भाई-बहनों की बात सोचकर वह फिर से अपने काम में जुट जाता है। उसने बताया कि बड़ा होकर वह डाक्टर बनना चाहता है।
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