तेल अवीव: इजरायल में गैलिली सागर के पास 1,400 साल पुराने सोने के सिक्कों और आभूषणों के दुर्लभ भंडार की खोज हुई है। पुरातत्वविदों ने बताया है कि खोजे गए सिक्के बीजान्टिन युग के हैं। खोजे गए भंडार में 97 शुद्ध सोने के सिक्के और दर्जनों आभूषण शामिल हैं। इनमें मोती, अर्ध-कीमती पत्थरों और कांच जड़े झुमके शामिल है। एक्सपर्ट की टीम को यह खजाना हिप्पोस (सुसीता) के प्राचीन शहर की खोज के दौरान मिला, जो इजरायल के नियंत्रण वाले गोलान हाइट्स की ढलानों पर स्थित है।
हाइफा विश्वविद्यालय के पुरातत्वविद् माइकल इसेनबर्ग ने लाइव साइंस को बताया कि यह उस काल के पांच सबसे बड़े स्वर्ण भंडारों में से एक है, जो अभी तक इस क्षेत्र में पाए गए हैं। हिप्पोस में अब तक ज्ञात यह अपनी तरह का पहला भंडार है। आभूषणों और छोटी मुद्राओं के मिलने से यह मुद्राशास्त्रीय रूप से भी महत्वपूर्ण हो गया है। यह खजाना इजरायल के लिए काफी अहम साबित हो सकता है।
कैसे हुई ये अहम खोज
एक्सपर्ट एडी लिप्समैन ने जुलाई में एक बड़े पत्थर और दो प्राचीन दीवारों के पास से गुजरते हुए इस भंडार की खोज की। लिप्समैन ने बताया है कि एक मेटल उपकरण की बीप से उनको इसका अहसास हुआ। एडी ने कहा कि पहले तो उन्हे यकीन ही नहीं हुआ कि यहां कोई खजाना हो सकता है। हालांकि जब जांच की गई तो एक के बाद एक सोने के सिक्के निकलने लगे।
इन सिक्कों पर अलग-अलग सम्राटों के चित्र अंकित हैं। ये बीजान्टिन सम्राट जस्टिन प्रथम (518 से 527) के शासनकाल से सम्राट हेराक्लियस के शुरुआती काल (610 से 613) तक के हैं। खोजे गए कुछ सिक्कों पर कपड़े के अवशेष भी मिले हैं। इससे पता चलता है कि यह खजाना कभी कपड़े में लिपटा हुआ होगा, जब इसे संभाल कर रखा गया होगा।
एक्सपर्ट ने जताई बड़ी उम्मीद
इसेनबर्ग ने अपने बयान में कहा कि जब आपको 1,400 साल पुराने सिक्के और आभूषण मिलते हैं, जो नए जैसे दिखते हैं तो यह शानदार अनुभव होता है। इनमें से एक ट्रेमिस विशेष रूप से दुर्लभ है। इसे 610 में साइप्रस में सेनापति हेराक्लियस एल्डर और उनके पुत्र ने ढाला था, ये दोनों सम्राट फोकस के विरुद्ध विद्रोह कर रहे थे। छोटे हेराक्लियस ने विजय प्राप्त की और बीजान्टिन हेराक्लियन राजवंश की स्थापना करते हुए 610 से 711 तक शासन किया।
सिक्का विशेषज्ञ डैनी सायन का कहना है कि यह एक दुर्लभ खोज है। यह उस काल के राजनीतिक और आर्थिक इतिहास की समझ में महत्वपूर्ण योगदान देती है। हालांकि यह अज्ञात है कि इस खजाने को क्यों दफनाया गया था। इतिहास बताता है कि सातवीं शताब्दी के दौरान हिप्पोस एक अशांत क्षेत्र था। इस क्षेत्र में बाहरी सैन्य आक्रमणों की वजह से ही स्थानीय लोगों ने अपनी संपत्ति छिपाई होगी।
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