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सोना ऑलटाइम हाई पर, ₹1449 महंगा होकर ₹1.17 लाख हुआ: इस साल दाम ₹41,000 बढ़े; चांदी की कीमत रिकॉर्ड ₹1.45 लाख प्रति किलो हुई

नई दिल्ली। सोने-चांदी के दाम सोमवार (30 सितंबर) को अपने नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 1,449 रुपए बढ़कर 1,16,903 रुपए पर पहुंच गया है।. . .

नई दिल्ली। सोने-चांदी के दाम सोमवार (30 सितंबर) को अपने नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 1,449 रुपए बढ़कर 1,16,903 रुपए पर पहुंच गया है। इससे पहले ये 1,15,454 रुपए पर था। वहीं, चांदी भी 673 रुपए बढ़कर 1,45,060 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। इससे पहले ये 1,44,387 रुपए पर थी।

इस साल सोना ₹41,000 और चांदी ₹59,000 महंगी हुई

इस साल अब तक सोने की कीमत करीब 40,741 रुपए बढ़ी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब 1,16,903 रुपए हो गया है। चांदी का भाव भी इस दौरान 59,043 रुपए बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 1,45,060 रुपए प्रति किलो हो गई है। 1.55 लाख रुपए तक जा सकता है सोना गोल्डमैन सैक्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बैंक ने अगले साल तक सोने के लिए 5000 डॉलर प्रति औंस का टारगेट रखा है। मौजूदा एक्सचेंज रेट के हिसाब से रुपए में यह लगभग 1,55,000 रुपए प्रति 10 ग्राम होगा। ब्रोकरेज फर्म पीएल कैपिटल के डायरेक्टर संदीप रायचुरा ने कहा कि सोना 1,44,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।

5 बड़े कारण, जिससे सोने में तेजी के आसार दिख रहे हैं…

  1. केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: दुनियाभर के बड़े बैंक डॉलर पर निर्भरता कम करना चाहते हैं। इसलिए वे अपने खजाने में सोने का हिस्सा लगातार बढ़ाते जा रहे हैं।
    असर: जब बड़े बैंक लगातार खरीदते हैं तो बाजार में सोने की मांग बनी रहती है और कीमत ऊपर जाती है।
  2. ‘ट्रम्प फैक्टर’ और नीति-अनिश्चितता: अमेरिका की नीतियों को लेकर अनिश्चितता है। फेडरल रिजर्व पर दखल की बातें डॉलर-बॉन्ड बाजार को कमजोर करती हैं।
    असर: निवेशक सुरक्षित निवेश ढूंढते हैं और सोने की ओर भागते हैं। इससे सोने की कीमतें बढ़ने लगती हैं।
  3. क्रिप्टो से सोने की ओर रुख: क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव और सख्त नियमों के डर से निवेशक पैसा सोने में लगा रहे हैं। पिछले कुछ समय के दौरान भारत में शेयर बाजार से कम रिटर्न ने भी सोने को आकर्षक बना दिया।
    असर: सोने की मांग में तेजी से कीमतें चढ़ जाती हैं।
  4. डीडॉलराइजेशन: कई देश डॉलर का इस्तेमाल कम करके अपने आर्थिक मॉडल बदल रहे हैं। अमेरिका पर कर्ज बढ़ रहा है और डॉलर कमजोर हो रहा है।
    असर: डॉलर कमजोर होता है, तो सोने में तेजी आती है।
  5. लॉन्ग-टर्म एसेट: सोना कभी भी पूरी तरह बेकार नहीं होता। यह नष्ट नहीं होता, सीमित मात्रा में है और महंगाई के समय अपनी कीमत बचा लेता है।
    असर: लंबे समय में सोना रखना ज्यादातर फायदेमंद है।
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