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हैकर्स से बचना है ? अपनाएं ये 5 डिजिटल आदतें और बचाएं अपना बैंक बैलेंस

नई दिल्ली | 19 सितंबर 2025:भारत में डिजिटल पेमेंट का चलन जितना तेजी से बढ़ा है, उतनी ही तेज़ी से ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर अटैक की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। NCRB (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो) के अनुसार, 2024. . .

नई दिल्ली | 19 सितंबर 2025:
भारत में डिजिटल पेमेंट का चलन जितना तेजी से बढ़ा है, उतनी ही तेज़ी से ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर अटैक की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। NCRB (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो) के अनुसार, 2024 में भारत में 1.5 लाख से अधिक साइबर अपराध दर्ज किए गए, जिनमें से बड़ा हिस्सा बैंकिंग फ्रॉड और फिशिंग स्कैम से जुड़ा था।

अगर आप चाहते हैं कि आपका बैंक बैलेंस सुरक्षित रहे और आप हैकर्स का शिकार न बनें, तो नीचे दी गई 5 आदतों को अपनाना आज ही शुरू कर दीजिए:


🔐 1. 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को बनाएं आदत

क्या है 2FA?
यह एक दो-स्तरीय सुरक्षा प्रक्रिया है, जिसमें पासवर्ड के अलावा एक अतिरिक्त कोड या OTP की आवश्यकता होती है।

📌 क्यों ज़रूरी है?

  • पासवर्ड लीक होने के बावजूद हैकर्स अकाउंट एक्सेस नहीं कर पाते।
  • सोशल मीडिया, बैंकिंग ऐप्स और ईमेल अकाउंट्स में इसे जरूर एक्टिवेट करें।

👉 Tip: Google Authenticator या Authy जैसे ऐप का इस्तेमाल करें।


🧠 2. फिशिंग ईमेल/मैसेज को पहचानने की आदत डालें

क्या होता है फिशिंग स्कैम?
हैकर्स नकली ईमेल या SMS भेजकर आपको किसी लिंक पर क्लिक कराते हैं, जिससे आपकी पर्सनल जानकारी चोरी हो जाती है।

📌 कैसे बचें?

  • ईमेल का डोमेन ध्यान से देखें। जैसे कि @gmail.com की जगह @gma1l.com हो सकता है।
  • संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
  • OTP या बैंक डिटेल्स कभी किसी के साथ शेयर न करें।

👉 Tip: अगर कोई मैसेज “तुरंत एक्शन लें” कहे, तो सतर्क हो जाएं — यह स्कैम हो सकता है।


🌐 3. ब्राउजिंग करते समय URL को चेक करने की आदत डालें

सुरक्षित वेबसाइट की पहचान कैसे करें?

  • सही वेबसाइट https:// से शुरू होती है — ‘s’ का मतलब है secure (एन्क्रिप्टेड)।
  • गलत वेबसाइट http:// से शुरू हो सकती है — ये असुरक्षित होती हैं।

📌 कब ध्यान दें?

  • ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त
  • बैंकिंग वेबसाइट ओपन करते वक्त
  • किसी भी फॉर्म में डिटेल भरते वक्त

👉 Tip: URL में टाइपो (जैसे go0gle.com) से बचें।


🛡️ 4. पब्लिक Wi-Fi पर हमेशा VPN का इस्तेमाल करें

VPN क्यों ज़रूरी है?

  • पब्लिक Wi-Fi (जैसे कैफे, मॉल, एयरपोर्ट) पर डेटा लीक होने का खतरा अधिक होता है।
  • VPN आपके इंटरनेट ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट करता है, जिससे हैकर्स उसे इंटरसेप्ट नहीं कर पाते।

📌 सुरक्षित VPN ऐप्स:

  • ProtonVPN
  • NordVPN
  • Surfshark

👉 Tip: फ्री VPN से बचें, क्योंकि कई बार वे खुद डेटा बेचते हैं।


📱 5. ऐप्स को बेवजह परमिशन देना बंद करें

क्या होता है गलत?

  • कई ऐप्स लोकेशन, कैमरा, माइक्रोफोन और कॉन्टैक्ट्स की एक्सेस मांगते हैं — जबकि उन्हें इसकी ज़रूरत नहीं होती।

📌 कैसे नियंत्रित करें?

  • सेटिंग्स → ऐप्स → Permissions में जाकर देखें कि कौन-सा ऐप क्या एक्सेस कर रहा है।
  • केवल उपयोग के समय ही परमिशन दें (e.g., Location access: “While using the app”).

👉 Tip: हर 15 दिन में एक बार ऐप परमिशन चेक करना आदत बना लें।


सारांश:

आदतसुरक्षा लाभ
2FA ऑन करनाअकाउंट एक्सेस पर डबल लॉक
फिशिंग को पहचाननाबैंक डिटेल चोरी से बचाव
सही URL देखनानकली वेबसाइट से बचाव
VPN का इस्तेमालपब्लिक नेटवर्क पर सुरक्षा
ऐप परमिशन कंट्रोलडेटा चोरी रोकथाम

🛡️ स्मार्ट बनें, सेफ रहें!

डिजिटल दुनिया में सतर्कता ही सुरक्षा है। ये 5 आदतें आपके डेटा और पैसे दोनों को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।