नीले-सफेद रंग की यह तेज़ ट्रेन न सिर्फ़ दिखने में शानदार है, बल्कि भारत की तकनीकी क्षमता का प्रतीक भी है। आइए जानते हैं वो 12 बातें जो इसे “इंडिया की प्राइड ट्रेन” बनाती हैं।आइए जानते हैं इनके बारे में।
वंदे भारत की एक्ज़ीक्यूटिव क्लास सीटें 180 डिग्री घूमती हैं। शानदार कुशन, चार्जिंग पॉइंट्स और पढ़ने की लाइट्स इसे हवाई जहाज जैसी सुविधा देती हैं।
हर कोच में Wi-Fi, GPS डिस्प्ले और दिन के समय के अनुसार बदलने वाली स्मार्ट लाइटिंग है — जो यात्रा को बनाती है शांत और आरामदायक।
बायो-वैक्यूम टॉयलेट्स कम पानी में साफ रहते हैं और गंध नहीं फैलने देते। लंबे सफर में भी ट्रेन ताज़ा और स्वच्छ रहती है।
पूरी तरह सील्ड कोच और साउंडप्रूफ दरवाज़े सफर को इतना शांत बनाते हैं कि आप आराम से झपकी ले सकते हैं।
बाहर चाहे दिल्ली की गर्मी हो या चेन्नई की नमी — ट्रेन के अंदर हमेशा ठंडक और सुकून बना रहता है।
वंदे भारत में खाना समय पर और हाइजेनिक तरीके से परोसा जाता है। कई यात्रियों का कहना है कि “यह ट्रेन अब स्वाद से भी आगे है।”
यह ट्रेन पलक झपकते ही 160 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ लेती है। तेज़ी के साथ स्थिरता इसका सबसे बड़ा आकर्षण है।
वंदे भारत में अलग इंजन नहीं होता। हर कोच खुद ऊर्जा पैदा करता है, जिससे यह तेज़ और संतुलित तरीके से दौड़ती है।
चेन्नई के इंटीग्रल कोच फ़ैक्ट्री में बनी यह ट्रेन भारत में डिज़ाइन और असेंबल की गई है — आत्मनिर्भर भारत का सच्चा उदाहरण।
‘कवच’ सिस्टम किसी भी ट्रेन के करीब आने पर ऑटोमेटिक ब्रेक लगाता है। यह भारतीय रेल की सुरक्षा में एक बड़ी छलांग है।
फिलहाल ट्रेन 130 किमी/घंटा तक चलती है, लेकिन जैसे ही ट्रैक और सिग्नल सिस्टम अपग्रेड होंगे, यह अपनी पूरी रफ्तार पर दौड़ेगी।