भारत की महिलाओं का वर्ल्ड कप सपना हुआ पूरा

तीन हार के बाद लगातार जीत — भारत ने इतिहास रच दिया! दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर भारत ने जीता पहला महिला विश्व कप खिताब।

शैफाली वर्मा का जादू

फ़ाइनल में शैफाली ने 87 रनों की धमाकेदार पारी खेली। फिर गेंद से भी कमाल — दो बड़े विकेट झटके। “आज उसका दिन था,” बोलीं कप्तान हरमनप्रीत कौर।

अमनजोत कौर का अविश्वसनीय कै

लॉरा वोल्वार्ड्ट का शॉट हवा में गया, और अमनजोत ने तीन बार juggling के बाद कैच पकड़ा! पूरा स्टेडियम झूम उठा — भारत की जीत की राह साफ हो गई।

जेमिमा रोड्रिग्स की यादगार सेंचुरी

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफ़ाइनल में जेमिमा ने 127* रन ठोके। रिकॉर्ड 338 रन के लक्ष्य का पीछा कर भारत को फ़ाइनल में पहुंचाया। दबाव में खेली गई यह पारी बन गई “गौरव की कहानी।”

हरमनप्रीत कौर की शांत कप्तानी

हरमनप्रीत ने मैदान पर धैर्य और रणनीति दोनों दिखाए। तीन हार के बाद टीम को संभाला और फिर अजेय बनाया। शैफाली को गेंद देने और जेमिमा को नंबर 3 भेजने का निर्णय बना मास्टरस्ट्रोक।

दीप्ति शर्मा का ऑलराउंड कमाल

फ़ाइनल में दीप्ति ने 58 रन बनाए और 5 विकेट झटके। पूरे टूर्नामेंट की सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाली खिलाड़ी बनीं। उनका प्रदर्शन भारत की जीत की रीढ़ साबित हुआ।

संघर्ष से शिखर तक – भारत की महिला शक्ति

ग्रुप स्टेज की निराशा से लेकर वर्ल्ड कप जीत तक — ये था जज़्बे, एकता और आत्मविश्वास का सफर। यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि नए युग की शुरुआत है।