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कांग्रेस नेता कौस्तव बागची पर पुलिस कमिश्नरेट की की रिपोर्ट से कलकत्ता हाईकोर्ट नाराज, हलफनामा तलब

कलकत्ता। कांग्रेस नेता कौस्तव बागची की गिरफ्तारी मामले में बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट की रिपोर्ट पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने कहा कि उन्हें लगता है कि आप पुलिस को अवैध काम करने के लिए प्रोत्साहित कर. . .

कलकत्ता। कांग्रेस नेता कौस्तव बागची की गिरफ्तारी मामले में बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट की रिपोर्ट पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने कहा कि उन्हें लगता है कि आप पुलिस को अवैध काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल तक राज्य का हलफनामा तलब किया है। बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट की रिपोर्ट के मुताबिक कौस्तव बागची के घर पर पुलिस की छापेमारी जायज थी। हालांकि उस रिपोर्ट को देखने के बाद सोमवार को जस्टिस राजशेखर मंथा ने हैरानी जताई।
हाईकोर्ट के जज के अनुसार, “आयुक्त की रिपोर्ट स्वीकार्य नहीं है.” उसने सरकारी वकील से पूछा, “पूरी घटना स्वीकार्य नहीं है, सब जानते हैं। तो क्या यह मान लिया जाए कि आयुक्त अपने अधीन पुलिस को अवैध कार्य करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है? मैं इस तरह का व्यवहार स्वीकार नहीं कर सकता. पुलिस को अलर्ट करने की जरूरत है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार ने मांगा हलफनामा
जस्टिस मंथा ने 12 अप्रैल तक राज्य का हलफनामा तलब किया। अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी। तब तक अंतरिम आदेश यथावत रहेगा।हाई कोर्ट ने पूछा कि क्या सीआईएसएफ सुरक्षा मुहैया करा सकती है। कौस्तव बागची के बैरकपुर स्थित घर पर पुलिस ने तीन मार्च की रात छापेमारी की थी। उन्हें डराने-धमकाने और अशांति फैलाने के आरोप में 4 मार्च की सुबह गिरफ्तार किया गया था। कौस्तव ने दावा किया था कि कोलकाता के बारातला थाने की पुलिस ने उन्हें ‘बिना वजह’ गिरफ्तार किया है। कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी को लेकर राज्य की राजनीति में हलचल मच गई थी। कौस्तव को गिरफ्तारी के दोपहर बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया। इसके बाद पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस नेता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कौस्तव बागची की गिरफ्तारी पर रिपोर्ट को किया खारिज
इससे पहले जस्टिस मंथा ने मामले में कहा था, ‘कौस्तव बागची एक वकील हैं और मुख्यमंत्री सभी के मुख्यमंत्री हैं। इस दुर्भाग्यपूर्ण विवाद को समाप्त करने की जरूरत है।” साथ ही उन्होंने सुझाव दिया, ”वकीलों को आपस में चर्चा करने दें कि क्या इस समस्या का कोई हल निकाला जा सकता है।” बता दें कि कौस्तव बागची की गिरफ्तारी के बाद उन्हें कुछ ही घंटे में जमानत मिल गयी थी। उसके बाद कौस्तव बागची ने अपना सिर मुंडन करवा लिया था। उन्होंने कहा कि जब-तक वह मुख्यमंत्री के पद से सीएम ममता बनर्जी को हटा नहीं देते हैं, तब-तक वह सिर में बाल नहीं रखेंगे।

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