पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों का रुझान आने लगे हैं। एनडीए पांचवी बार लगातार सत्ता के करीब पहुंचती नजर आ रही है। भारतीय जनता पार्टी 76 सीटों पर आगे है, जबकि पहले नंबर पर 79 सीटों के साथ जेडी यू है। तेजस्वी यादव के हाथ से कुर्सी फिसल रही है। अगर रुझान नतीजों में बदले एनडीए करीब 150 सीटों तक पहुंच रही है। खास यह है कि तमाम आकलनों को दरकिनार करते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनने की राह पर है। मगर सवाल है कि बीजेपी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनकर क्या अपना पहला सीएम बना पाएगी या नीतीश कुमार के सहयोगी ही बनी रहेगी।
बिहार विधानसभा चुनाव में पहले खामोश थी बीजेपी
बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एनडीए खासकर बीजेपी ने मुख्यमंत्री के मुद्दे पर अपना स्टैंड क्लियर नहीं किया था। खुद गृहमंत्री अमित शाह ने बयान दिया कि मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक दल तय करेगा। महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा बनाने के बाद एनडीए पर दबाव बना। तेजस्वी समेत तमाम विपक्ष ने पूछ लिया कि एनडीए का सीएम कौन बनेगा? बीजेपी की चुप्पी से जेडी यू समर्थक और महादलित वोटरों को थोड़ी निराशा हुई। गनीमत यह रही है कि बीजेपी ने जनता का मूड भांपते हुए नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार कर लिया। टीवी डिबेट शो में बीजेपी के प्रवक्ता भी नीतीश कुमार को सीएम बनाने का समर्थन करते नजर आए।
नीतीश बदले तो केंद्र में मोदी सरकार भी हिलेगी
माना जा रहा है कि भले ही बीजेपी अपने सहयोगी जेडीयू से आगे रहे, मगर उसके लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार करने का कोई विकल्प नहीं है। राजनीतिक परिणाम ऐसे आ रहे हैं कि जिसमें जेडीयू की सीट अगर महागठबंधन से मिल जाए तो नीतीश कुमार की कुर्सी बनी रहेगी। बीजेपी किसी भी हाल में नीतीश और जेडीयू को खोने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि केंद्र में भी दोनों दलों का गठबंधन है। नीतीश कुमार के बदले मूड से केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार भी हिल सकती है।