मुंबई । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दोनों गुटों ने आज शक्ति प्रदर्शन किया है। एनसीपी प्रमुख अजित पवार और शरद पवार की ओर से विधायकों को बैठक में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया गया। हालांकि, बैठक की बात करें तो इसमें राकांपा का संख्याबल अजित पवार के साथ दिखा है। पार्टी के 53 में से 35 विधायक उनके साथ बैठक के लिए पहुंचे हैं। ऐसे में शरद पवार के लिए आने वाले समय में राकांपा के अस्तित्व को अपने नेतृत्व में रखने की उम्मीदों को बड़ा झटका लग सकता है।
पहले बात अजित गुट की, 40 विधाकों के समर्थन का दावा
अजित गुट की बैठक बांद्रा के भुजबल नॉलेज सिटी के MET सेंटर में जारी है। यहां छगन भुजबल ने कहा, ‘हमारे पास 40 विधायक हैं। कई विधायक ट्रैफिक में फंसे हैं। कुछ विदेश में हैं, लेकिन उनके एफिडेविट हमारे पास हैं। लोग कह रहे हैं कि दल बदल कानून लागू होगा। कार्रवाई होगी, सब कुछ विचार करने के बाद ही ये फैसला लिया गया है।’ पार्टी ऑफिस में कार्यकर्ताओं से एफिडेविट भराया गया।
NCP गुट ने 29 विधायकों का नाम भी दिया: अजित पवार, छगन भुजबल, हसन मुश्रीफ, नरहरि झिरवाल, दिलीप मोहिते, अनिल पाटिल, माणिकराव कोकाटे, दिलीप वाल्से पाटिल, अदिति तटकरे, राजेश पाटिल, धनंजय मुंडे, धर्मराव अत्राम, अन्ना बंसोड़, नीलेश लंके, इंद्रनील नाइक, सुनील शेलके, दत्तात्रय भरणे, संजय बंसोड़, संग्राम जगताप, दिलीप होना, सुनील टिंगरे, सुनील शेलके, बालासाहेब अजाबे, दीपक चव्हाण, यशवंत माने, नितिन पवार, शेखर निकम, संजय शिंदे, राजू। विधान परिषद सदस्य: अमोल मिटकारी, रामराजे निंबालकर, अनिकेत तटकरे, विक्रम काले।
अब बात शरद गुट की, सिर्फ 7 विधायक पहुंचे: इनकी बैठक नरीमन पॉइंट स्थित यशवंतराव चव्हाण सेंटर में शुरू होगी। यहां भी कार्यकर्ताओं की भीड़ देखी जा रही है। सुबह करीब 11 बजे से सुप्रिया सुले, अनिल देशमुख, जितेंद्र आव्हाड समेत कई नेता यहां मौजूद हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि शरद के समर्थन में 7 विधायक पहुंचे हैं। इनके नाम- जयंंत पाटिल, किरण लहामाटे, अशोक पवार, रोहित पवार, देवेंद्र भुयार, राजेंद्र शिंगणे और अनिल देशमुख हैं। सांसद सुप्रिया सुले सुबह 11 बजे पार्टी दफ्तर पहुंच गई थीं।
अजित पवार बोले- दोस्तों, सभी का समय होता है
मीटिंग में अजित पवार ने कहा, “हम इतने दिन साहब की छाया में थे, लेकिन हम सबका अपना भी एक मत है। हमें शिवाजी के सपने को साकार करना है। साहब 1762 में राजनीति में आए, 38 की उम्र में उन्होंने कई काम किए। 1978 गया 80 काल काल आया। 80 में सरकार गई।
अगर इतिहास देखो तो लोकशाही में ऐसा कई बार हुआ। हमने हर बार साहब का साथ दिया। दोस्तों सभी का समय होता है। नेता ने जब-जब जैसा बोला हमने किया। आज जो कुछ भी हूं, साहब की वजह से ही हूं। आज देश की राजनीित का बड़ा दिन है।”