हिंदू धर्मशास्त्रों में शरीर और मन को संतुलित करने के लिए व्रत और उपवास के नियम बनाए गए हैं. इन सभी उपवासों में सबसे खास है एकादशी का व्रत. एकादशी माह में दो बार पड़ती है-शुक्ल एकादशी और कृष्ण एकादशी. 17 सितंबर यानी कल पितृ पक्ष की इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इंदिरा एकादशी को श्राद्ध एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. पाप नाश और पितरों का शांति के लिए आश्विन मास की इंदिरा एकादशी का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करने से उनका आशीर्वाद मिलता है. ज्योतिषियों की मानें तो, इस दिन तुलसी की पूजा करना बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है. तुलसी का पौधा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे घर की शांति और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत भी माना गया है. तो चलिए जानते हैं कि इंदिरा एकादशी पर तुलसी से जुड़े कौन से उपाय करें.
- तुलसी के पास रखें दीया
इंदिरा एकादशी की शाम तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इससे घर की दरिद्रता दूर होती है और लक्ष्मी माता की कृपा बनी रहती है. जब दीपक तुलसी के पास जलता है तो उससे निकलने वाली ऊर्जा वातावरण को पवित्र करती है.
- तुलसी को जल अर्पित करें
इस दिन सुबह स्नान के बाद तुलसी माता को शुद्ध जल अर्पित करें. जल चढ़ाते समय भगवान विष्णु का स्मरण करें या “ऊं नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करें. ऐसा करने से आपके पाप कम होते हैं और जीवन में अच्छे कार्यों की वृद्धि होती है.
- भगवान विष्णु को तुलसी पत्र चढ़ाना तुलसी का पत्ता भगवान विष्णु को अर्पित किए बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है. एकादशी पर व्रत करने वाले भक्त जब तुलसी पत्र चढ़ाते हैं तो उनका व्रत और पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है. तुलसी पत्र अर्पण से भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
- अगर आपके पास तुलसी की माला है तो एकादशी के दिन उससे भगवान का नाम जपना बहुत शुभ फल देता है. यह मन को शांत करता है और तनाव कम करता है. तुलसी की माला से जप करने से आत्मिक शक्ति मिलती है और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है.