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मासिक महाशिवरात्रि और मंगलवार का दुर्लभ संयोग, शिव भक्तों के लिए विशेष फलदायी रहेगा रुद्राभिषेक

डेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार 18 नवंबर 2025, मंगलवार का दिन धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभकारी रहने वाला है। यह दिन मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का है, जिसके साथ ही मासिक महाशिवरात्रि का पावन. . .

डेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार 18 नवंबर 2025, मंगलवार का दिन धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभकारी रहने वाला है। यह दिन मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का है, जिसके साथ ही मासिक महाशिवरात्रि का पावन व्रत भी पड़ रहा है। इस दुर्लभ संयोग के कारण शिव भक्तों के लिए यह दिन पूजा-अर्चना और विशेष अनुष्ठानों के लिए अत्यंत फलदायी माना जा रहा है। पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि के उपरान्त चतुर्दशी तिथि का प्रवेश होगा, और कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होती है।

भगवान शिव का शहद से रुद्राभिषेक अवश्य करना चाहिए

ज्योतिष शास्त्रियों और धर्म गुरुओं का मत है कि मंगलवार के दिन महाशिवरात्रि का व्रत पड़ना हनुमान जी और रुद्रात्मकाय शिव की कृपा एक साथ प्राप्त करने का मौका देता है। भक्तों को इस पावन अवसर पर भगवान शिव का शहद से रुद्राभिषेक अवश्य करना चाहिए। यदि विधिवत रुद्राभिषेक संभव न हो, तो भी मंदिर जाकर शिवलिंग पर शहद, कच्चा दूध, बिल्वपत्र, शमीपत्र, फूल और फल आदि चढ़ाकर उनकी पूजा-अर्चना करना अनिवार्य बताया गया है।

सफेद चंदन में केसर घीसकर शिवलिंग पर अर्पित करें

पूजा विधि के संबंध में, शिव भक्तों के लिए विशेष निर्देश हैं। बताया गया है कि शिव पूजन में सफेद चंदन में केसर घीसकर शिवलिंग पर अर्पित करने से घर में पारिवारिक एवं आंतरिक कलह और अशांति दूर होती है। साथ ही, यह माना जाता है कि ऐसा करने से घर में किसी भी प्रकार का रोग प्रवेश नहीं करता और सभी मनोकामनाओं की सिद्धि तत्काल होती है। इस पावन व्रत की सभी शिव भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी गई हैं।

‘हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्’ मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी

हनुमान जी के भक्तों के लिए भी मंगलवार का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन ‘हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्’ मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी बताया गया है। हनुमान जी को रुद्रावतार माना जाता है, इसलिए शिवरात्रि पर उनकी पूजा का महत्व और बढ़ जाता है। भक्तों को मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल और दाढ़ी काटने या कटवाने से बचने की सलाह दी गई है, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से आयु कम होती है।

सुंदरकांड का पाठ करने का विधान

हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुंदरकांड का पाठ करने का विधान है। इसके अलावा, भक्त यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब और इत्र अर्पित करें और बूंदी, लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रसाद चढ़ाएं। यह माना जाता है कि हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, बुरी नज़र की बाधा से बचाव होता है और शत्रु परास्त होते हैं।
तिथि विशेष के रूप में, चतुर्दशी तिथि को लेकर कुछ महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, चतुर्दशी तिथि को एक क्रूरा और उग्रा तिथि माना जाता है, जिसे रिक्ता नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि के देवता स्वयं भगवान शिवजी हैं। एक विशेष नियम यह भी है कि चतुर्दशी तिथि को शहद का सेवन वर्जित होता है। इसके बावजूद, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि भगवान शिव की पूजा के लिए सर्वोत्तम मानी गई है।

जीवन में सभी सुखों की सहज प्राप्ति

सबसे महत्वपूर्ण ज्योतिषीय सलाह यह दी गई है कि विशेषकर कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव का ज्यादा-से-ज्यादा पूजन, अर्चन एवं अभिषेक करवाना चाहिए। यदि सामर्थ्य हो, तो विद्वान् वैदिक ब्राह्मणों से विधिवत भगवान शिव का रुद्राभिषेक करवाना सर्वश्रेष्ठ है। यह भी बताया गया है कि चतुर्दशी तिथि में भगवान शिव का रुद्राभिषेक यदि शहद से किया जाए, तो इससे जातक की कुंडली में चल रही मारकेश की दशा भी शुभ फलदायिनी बन जाती है। ऐसा करने से जातक के जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति सहज ही हो जाती है।

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