अदालत का ऐतिहासिक फैसला, चार साल की मासूम से रेप और हत्या में दरिंदे को दी फांसी की सजा, एक साल में मिला इंसाफ
नई दिल्ली। चार साल की मासूम बच्ची से रेप और हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद दरिंदे को त्रिपुरा की एक अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। मामला खोवाई जिले का है। जिले में मौत की सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला है। इस मामले में अभियोजन पक्ष (पीड़ित) की ओर से कुल 35 गवाह पेश किए गए।
त्रिपुरा की एक अदालत ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए चार साल की मासूम बच्ची से रेप और हत्या के दोषी कालीचरण को फांसी की सजा सुनाई। जिला अदालत और विशेष यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के न्यायाधीश शंकरी दास ने मामले में जांच अधिकारी बिद्येश्वर सिन्हा द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद दोषी को मृत्युदंड का आदेश दिया। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 35 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।
क्या था मामला
जानकारी के मुताबिक, पिछले साल 22 फरवरी को खोवाई जिले के तेलियामुरा के दुस्की इलाके से मासूम लापता हो गई थी। छह दिनों के बाद जंगल में मासूम का शव बरामद हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके शरीर में चोटों के निशान पाए गए थे। अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता बिकाश देब ने कहा कि “यह दुर्लभतम मामलों में से एक है। हमें मृतक के परिवार को न्याय देते हुए खुशी हो रही है।”
महिला अपराध में त्रिपुरा अव्वल
गौरतलब है कि गृह विभाग की 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2020 से महिलाओं के खिलाफ विभिन्न अपराधों में शामिल होने के लिए 10 महीनों में कुल 207 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसी अवधि में, महिलाओं के खिलाफ कुल 240 अपराधों में से 128 बलात्कार के मामले सामने आए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, 2010 में त्रिपुरा में महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर देश में सबसे अधिक 46.5 प्रतिशत थी। 2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में राज्य 14वें स्थान पर था।
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