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अब दार्जिलिंग की हसीन वादियां के साथ लोक कलाओं का भी आनंद उठा सकेंगे पर्यटक, कलाकारों को भी मिलेगा कला प्रदर्शन का मौका

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दार्जिलिंग। दार्जिलिंग अपनी सुंदरत के लिए पूरे विश्व में विख्यात है। समुद्र तल से लगभग 6812 फुट की उंचाई पर स्थित इस शहर की सुन्दरता को शब्दों में बयां करना बहुत कठिन हैं। हसीन वादियां, दिलकश नज़ारे, ऊँचे ऊँचे वृक्ष, ठंडी मंद मस्त हवाएँ, रंग बिरंगे फूल, उन फूलों की मदहोश करने वाली खुशबु, बर्फीली घाटियां और रूईनुमा उड़ती बर्फ के खुशनुमा एहसास करती है। सफ़ेद बर्फ से ढकी यहाँ की पहाड़ियां ऐसी दिखती हैं मानों चांदी की चादर ओढ़े हुए हों। कुदरत के करिश्मों में दार्जिलिंग भी आता है जहाँ पहुंचकर एक बार कुदरत की कला को दाद देने का मन करता है। यही कारण है कि पूरे विश्व से पर्यटक अनायास ही खींचे काले आते है। दार्जिलिंग आने वाले पर्यटक चौरास्ता जरूर जाते है, क्योंकि यहाँ से दूर-दूर तक दार्जिलिंग की मनोरम वादियों को देखा जा सकता है। लेकिन अब चौरास्ता में जाने वाले पर्यटक हसीन वादियां के साथ लोक कला का भी आनंद ले सकेंगे।
दरअसल दार्जिलिंग नगर पालिका ने स्थानीय कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान किया है। दार्जिलिंग के स्थानीय कलाकारों को आजीविका प्रदान करने के साथ-साथ उनकी कला का प्रदर्शन करने के लिए दार्जिलिंग नगर पालिका की ओर से दार्जिलिंग शहर के चौरस्ता में प्रत्येक शुक्रवार, शनिवार और रविवार दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक कला प्रदर्शनी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इस कार्यक्रम में दार्जिलिंग के स्थानीय व नवोदित कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका प्रदान किया जायेगा। दार्जिलिंग नगरपालिका की ओर से सुधा लामा ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य कला के क्षेत्र में स्थानीय और उभरते कलाकारों को प्रोत्साहित करना है। साथ ही दार्जिलिंग आने वाले पर्यटक यहाँ के लोक कला से भी रूबरू होंगें।


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