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आजादी के बाद से अब तक नहीं पहुंची है बिजली, चांचल नगर पालिका के ग्रामीणों ने की विद्युत सहित शुद्ध पेयजल, सड़क निर्माण की मांग

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मालदा। चांचल नगरपालिका के गठन की घोषणा होने के बाद विकासामूलक कार्य प्रारंभ हो गया है, लेकिन चांचल इलाके के कडुलरमठ इलाके के अभी भी सैकड़ों लोग अंधेरे में जी रहे हैं। यहां तक कि लोगों को अशोधित नलकूपों के पानी का भी उपयोग करना पड़ता है। साथ ही साथ सड़क की समस्या से क्षेत्र के लोगों को जूझना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने शिकायत की है कि चांचल 1 प्रखंड के कडुलरमठपारा क्षेत्र में लंबे समय से कोई विकास का काम नहीं हुआ है। इससे चांचल महकमा के चांचल ग्राम पंचायत अंतर्गत मथला क्षेत्र के ग्रामीणों में नाराजगी है। चांचल कॉलेज के पीछे एक विशाल सरकारी स्थान पर महकमा सुधार सुविधा स्थापित की जा रही है और इसके बगल में कदला का फील्ड एरिया है। जहां करीब 300 लोग रहते हैं। गांव के लोगों का एक हिस्सा दिहाड़ी मजदूरी, मछली पकड़ने, बीड़ी बनाने के काम में लगा हुआ है। लेकिन अभी भी इस गांव में बिजली नहीं पहुंची है। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। सडको की अवस्था जर्जर है। काफी बदहाल अवस्था में लोगो को रहना पड़ रहा है।
स्थानीय ग्रामीण भारती दास और अर्चना प्रमाणिक के मुताबिक यह विडम्बना ही है कि “21वीं सदी में हमारे इलाके में बिजली नहीं पहुंची है। लोगों को बताना शर्म की बात है। मिट्टी के तेल की कीमत भले ही बढ़ गई हो, लेकिन कुपी और लालटेन पर ही हमलोग निर्भर हैं। जर्जर सड़कों पर चलते हुए भी क्षेत्रवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हमें नलकूपों से आयरन युक्त पानी का उपयोग करना पड़ता है। ऐसे में पंचायत व प्रशासन से समग्र विकास की मांग की गई है”
चांचल 1 पंचायत समिति के सदस्य अमितेश पांडे ने कहा कि “क्षेत्र में कई अस्थायी बस्तियां बनाई गई हैं। हालांकि धीरे-धीरे सभी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।” चांचल के विधायक निहार रंजन घोष ने कहा कि “वह इतने लंबे समय तक क्षेत्र में कांग्रेस विधायक रहे हैं। मुझे नहीं पता उन्होंने क्या किया। मैं इस विधानसभा चुनाव में तृणमूल से चुना गया हूं। सभी समस्याओं के समाधान के लिए पहल की जाएगी।”


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