हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाई दूज हर साल कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करते हुए उनके माथे पर तिलक लगाकर उनका अभिनंदन करती हैं। भाई भी अपनी बहनों को उपहार देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं। भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।यमराज के सम्मान में घर के प्रवेश द्वार पर तेल का दीपक जलाकर रखा जाता है। ऐसा करने से भाई-बहनों में समय पूर्व मृत्यु की संभावना समाप्त हो जाती है।आइए एक नजर डालते हैं भाई दूज पर तिलक लगाने के शुभ मुहूर्त के साथ-साथ पूजा करने का सही तरीका और पूजा के लिए जरूरी चीजों की सूची।भाई दूज की पूर्व संध्या पर पूजा करने का सही तरीका: भाई दूज की पूर्व संध्या पर, बहनों को सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान करने के बाद अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए भगवान विष्णु या भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए।
भाई के हाथ में सिंदूर और चावल का लेप लगाने के बाद बहन को अपने हाथ में एक पान का पत्ता रखना होता है, जिस पर एक सुपारी और एक चांदी का सिक्का होना चाहिए। फिर बहन को भाई के हाथ पर धीरे-धीरे जल चढ़ाते हुए अपने भाई की लंबी आयु के लिए जाप करना होगा।
यह वही हाथ होगा जिस पर सुपारी, सुपारी और चाँदी का सिक्का पकड़े हुए होगा। फिर बहन को अपने भाई के माथे पर ‘तिलक’ लगाने की जरूरत है और फिर ‘आरती’ करके उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना करनी चाहिए।इसके बाद भाई की कलाई पर ‘कलावा’ बांधा जाता है। फिर वह अपने भाई को मक्खन और चीनी का मिश्रण या कुछ मीठा खिलाती।पूजा देवी-देवताओं की ‘आरती’ के साथ समाप्त होती है।अंत में, बहन अपने भाई को अपने हाथों से भोजन परोसती है, क्योंकि भाई इस अवसर पर उसे उपहार देता है।
भाई दूज पर पूजा के लिए जरूरी चीजें:भाई दूज पर अपने भाई को तिलक लगाते समय बहन को पूजा की थाली में निम्नलिखित चीजें अवश्य रखनी चाहिए, सिंदूर, फूल, चावल, सुपारी, पान के पत्ते, चांदी का सिक्का, नारियल, फूलों की माला, मिठाई, कलावा,’दूब’ घास और केले।इन वस्तुओं के बिना भाई दूज नहीं किया जा सकता है।
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