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आतंकी डॉक्टरों का अड्डा बनी अल फलाह यूनिवर्सिटी में 7 साल में 415 करोड़ की कमाई : कैसे फली-फूली अल फलाह यूनिवर्सिटी, एक ही पैन नंबर से सारा खेल

नई दिल्ली। आतंकी डॉक्टरों का ठिकाना बनी अल फलाह यूनिवर्सिटी को लेकर सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। अभी तक की जांच में पता चला है कि यूनिवर्सिटी को सात साल में 415 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।यूनिवर्सिटी से जुड़ी. . .

नई दिल्ली। आतंकी डॉक्टरों का ठिकाना बनी अल फलाह यूनिवर्सिटी को लेकर सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। अभी तक की जांच में पता चला है कि यूनिवर्सिटी को सात साल में 415 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।यूनिवर्सिटी से जुड़ी तमाम शेल कंपनियां भी मिली हैं। एक ही पैन नंबर से सारे लेनदेन का खेल हो रहा था। अल फलाह ट्रस्ट के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी से पूछताछ में और नए खुलासे हो सकते हैं। वित्तीय जांच में अल फलाह ट्रस्ट और इससे जुड़ी यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग कॉलेज और अन्य संस्थानों में बड़े स्तर की कथित गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया कि सभी संस्थानों के बैंक खाते और ITR एक ही पैन नंबर पर चलते हैं। जिससे साफ है कि वित्तीय नियंत्रण एक ही ट्रस्ट के हाथ में है।

ITR में बड़े खुलासे

@ जांच एजेंसियों ने वित्त वर्ष 2014-15 से लेकर 2024-25 तक के इनकम टैक्स रिटर्न खंगाले.
@ट्रस्ट ने 2014-15 और 2015-16 में 30.89 करोड़ और 29.48 करोड़ रुपये की कमाई दान दिखाई
@2016-17 से आगे कमाई को शैक्षणिक आय दिखाना शुरू किया गया
@वित्त वर्ष 2018-19 से 2024-25 तक आय में बड़ा इजाफा दिखाया गया
@शैक्षणिक फीस और अन्य शुल्कों के नाम पर हर साल भारी रकम दिखाई गई
@सात साल में ट्रस्ट की कमाई 415.10 करोड़ तक
@2018-19: 24.21 करोड़
@2019-20: 41.97 करोड़
@2020-21: 55.49 करोड़
@2021-22: 55.15 करोड़
@2022-23: 89.28 करोड़
@2023-24: 68.87 करोड़
@2024-25: 80.10 करोड़

फर्जी मान्यता और धोखाधड़ी का शक

ईडी और अन्य जांच एजेंसियों का कहना है कि ट्रस्ट मुख्य रूप से कॉलेज और यूनिवर्सिटी चलाता है। ऐसे में छात्रों मिली फीस ही इसकी मुख्य आय का स्रोत है. हालांकि कई सालों तक संस्थान बिना मान्यता के चलते रहा। फिर छात्रों से पूरी फीस वसूली गई, जिसे एजेंसियां धोखाधड़ी और जालसाजी मान रही हैं।

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एफआईआर में लगाए गंभीर आरोप

@गलत मान्यता दिखाकर छात्रों को एडमिशन दिया गया।
@फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और इन सबके आधार पर अवैध कमाई की गई।

कैसे 78 एकड़ में बदली अल फलाह यूनिवर्सिटी

यूनिवर्सिटी की शुरुआत 20 एकड़ से हुई थी और 78 एकड़ तक इसका विस्तार हुआ. ग्रामसभा से संबंधित लोगों ने पहले ग्रामसभा की सड़क की जमीन पर अतिक्रमण की कई शिकायतें की थीं।

खेतों के बीचोंबीच कैसे बनी यूनिवर्सिटी

ये यूनिवर्सिटी खेतों के बीचोंबीच है और सबसे अहम एकमात्र रास्ता है। इतने बड़े क्षेत्र अंदर जाने का जमीन की दो दिनों तक पैमाइश भी चली है।

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