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आर्मीनिया और अजरबैजान में जंग शुरू, 16 की मौत,सौ से अधिक लोग घायल

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आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच रविवार को अलगाववादी नागोरनो-करबाख इलाके को लेकर लड़ाई शुरू हो गई। जंग में दोनों तरफ से 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि सौ से अधिक लोग घायल हो गए। आर्मिनिया ने दावा किया कि अजरबैजान के बलों की गोलाबारी में एक महिला और एक बच्चे की मौत हुई है। वहीं, अजरबैजान के राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सेना को नुकसान हुआ है।

आर्मीनिया ने अजरबैजान के दो हेलीकॉप्टोंर को मार गिराने और तीन टैंकों को तोप से निशाना बनाने का भी दावा किया है, लेकिन अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने इन दावों का खंडन किया है। दोनों देशों के बीच नागोरनो-करबाख पर कब्जे को लेकर विवाद है। हालांकि इस बार लड़ाई क्यों शुरू हुई है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। जुलाई में दोनों पक्षों के बीच संघर्ष के बाद यह सबसे बड़ी लड़ाई है। जुलाई में दोनों पक्षों के कुल 16 लोगों की मौत हुई थी।

नगोरनो-करबाख के अधिकारियों ने बताया कि अजरबैजान से की ओर से दागे गए गोले राजधानी स्टेपनाकेर्ट और मार्टकेर्ट एवं मार्टुनी कस्बों में गिरे। आर्मीनियाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता आर्टसरन होवहानिसियन ने कहा कि अजरबैजान की ओर से दागे गोले आर्मीनिया की सीमा में वर्डनिस कस्बे के पास गिरे। आर्मीनिया के मानाधिकार लोकपाल अरमान टटोयान ने कहा कि हमले में एक महिला और एक बच्चे की मौत हुई है, जबकि मार्टुनी क्षेत्र में दो नागरिक घायल हुए हैं।

अजरबैजान के हेलीकॉप्टर को मार गिराया: आर्मीनियाई रक्षा मंत्रालय के एक अन्य प्रवक्ता सुशान स्टेपनयन ने दावा किया कि आर्मीनिया की सेना ने अजरबैजान के दो हेलीकॉप्टरों को मार गिराया और तीन टैंकों को निशाना बनाया है।

आर्मीनिया की बमबारी से नुकसान हुआ: अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने टेलीविजन के जरिये राष्ट्र को दिए संदेश में कहा कि आर्मीनिया की बमबारी की वजह से अजरबैजान के सैनिकों और नागरिकों का नुकसान हुआ है। हालांकि उन्होंने इसकी विस्तृत जानकारी नहीं दी। राष्ट्रपति ने दुश्मन सेना के कई यूनिट के सैन्य उपकरणों को भी नष्ट करने का दावा किया।

तुर्की ने आर्मीनिया हमले की निंदा की: इस मामले में अजरबैजान के सहयोगी तुर्की में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रवक्ता उमर सेलिक ने ट्वीट किया कि हम अजरबैजान पर आर्मीनिया के हमले की कड़ी निंदा करते हैं। उसने एक बार फिर उकसावे की कार्रवाई की है और कानूनों को नजरअंदाज किया है। उन्होंने कहा कि तुर्की अजरबैजान के साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि आर्मीनिया आग के साथ खेल रहा है और क्षेत्रीय शांति को खतरे में डाल रहा है।

आर्मीनिया ने तुर्की को चेतावनी दी: आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोलस ने तुर्की को युद्ध में किसी भी तरह की भूमिका को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि तुर्की इस संघर्ष में शामिल न हो। अगर वह इसमें शामिल पाया जाता है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

क्या है मामला?
दोनों देश 4400 वर्ग किलोमीटर में फैले नागोरनो-करबाख नाम के हिस्से पर कब्जा करना चाहते हैं। नागोरनो-करबाख इलाका अंतरराष्‍ट्रीय रूप से अजरबैजान का हिस्‍सा है, लेकिन उस पर आर्मीनिया के जातीय गुटों का कब्‍जा है। 1991 में इस इलाके के लोगों ने खुद को अजरबैजान से स्वतंत्र घोषित करते हुए आर्मीनिया का हिस्सा घोषित कर दिया। उनके इस हरकत को अजरबैजान ने सिरे से खारिज कर दिया। उल्लेखनीय है कि नगोरनो-करबाख अजरबैजान में आर्मीनियाइ जाति के लोगों का एन्क्लेव है और वर्ष 1994 में युद्ध समाप्त होने के बाद से ही अजरबैजान के नियंत्रण से बाहर है।

रूस ने युद्धविराम का आह्वान किया: रूस के रक्षा मंत्रालय ने आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच जारी युद्ध को तुरंत रोकने की मांग की है। रूस ने कहा है कि वह मध्यस्थता कर सकता है, लेकिन इसके लिए युद्धविराम की तत्काल जरूरत है। रूसी विदेशमंत्री सर्जेई लावरोव दोनों पक्षों के बीच संघर्ष विराम कराने के लिए गहन संपर्क कर रहे हैं और हालात को स्थिर करने के लिए बातचीत शुरू की है।

पोप ने शांति के लिए प्रार्थना की: वेटिकन में कैथोलिक धर्म के शीर्ष नेता पोप ने रविवार को कहा कि वह दोनों देशों के बीच शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों से आह्वान किया कि वे सद्भावना और बंधुत्व के ठोस आधार पर संवाद के जरिये शांतिपूर्ण समाधान की पहल करें।


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